कोलकाता.
90 दिन बीत चुके हैं. आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला पुलिस स्टेशन के पूर्व ओसी को सीबीआइ द्वारा आरोपपत्र दाखिल करने में विफल रहने के बाद जमानत दे दी गयी है. इसके बाद से ही राज्य में फिर से विरोध का स्वर उठने लगा है. शनिवार को महानगर की सड़कों पर चिकित्सकों के साथ नागरिक समाज के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. एक तरफ जूनियर डॉक्टरों और नर्सों ने करुणामयी से सीजीओ कॉम्प्लेक्स तक रैली निकाली, वहीं दूसरी ओर, रानी रासमणि एवेन्यू में अभया मंच और सीनियर डॉक्टरों की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया. पीड़िता के माता-पिता भी विरोध में सड़कों पर उतर आये. शनिवार को वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट की ओर सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआइ दफ्तर में ज्ञापन सौंपा गया. इसके पहले जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट की ओर से करुणामयी से सीबीआइ दफ्तर सीजीओ कॉम्प्लेक्स तक रैली निकाली गयी. इस रैली में सर्विस डॉक्टर्स फोरम, मेडिकल सर्विस सेंटर के चिकित्सकों ने भाग लिया. आठ जूनियर डॉक्टरों का एक प्रतिनिधि सीजीओ कॉम्प्लेक्स पहुंच कर ज्ञापन सौंपा. सर्विस डॉक्टर फोरम के कोषाध्यक्ष डॉ सपन विश्वास ने बताया कि सीबीआइ दफ्तर में इस रैली में हजारों की संख्या में चिकित्सकों ने हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि हम अब सीबीआइ जांच से संतुष्ट नहीं है. उन्होंने आरजी कर कांड का जिक्र करते हुए सीबीआइ की भूमिक पर भी सवाल खड़े किये. डॉ विश्वास ने बताया कि हमें सीबीआइ पर भी भरोसा नहीं है.डॉ विश्वास ने बताया कि सीबीआइ के एक आइओ रैंक के एक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है. उस अधिकारी ने चिकित्सकों को बताया का चार्जशीट बन कर तैयार है, पर कोर्ट को सौंपी नहीं गयी है. क्यों कोर्ट में नहीं सौंपी गयी है, इसका कारण नहीं बताया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व सीबीआइ के बीच सेटिंग है, जिसका नतीजा सबसे के सामने है.
सीबीआइ ने कहा जारी है जांच
सीबीआइ दफ्तर में ज्ञापन सौंपने के बाद जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के डॉ देवाशीष हाल्दार ने बताया कि 90 दिन बाद भी सीबीआइ आरोप-पत्र दाखिल नहीं कर सकी, इसलिए संदीप घोष और अभिजीत मंडल को जमानत मिली है. उन्होंने कहा- हम इसे जांच की विफलता मान रहे हैं और इसकी जिम्मेदारी सीबीआइ को लेनी होगी, पर उन्होंने बताया कि सीबीआइ अधिकारी ने बताया कि संदीप घोष और अभिजीत मंडल को टेक्निकल ग्राउंड पर जमानत मिली है. सीबीआइ की जांच जारी है. चार्जशीट भी पेश किया जायेगा, पर दोनों अभियुक्तों को जमानत मिली है. इसका मतलब यह नहीं है कि वे निर्देश साबित हो गये हैं. डॉ हाल्दार ने पत्रकारों को बताया कि हमें सीबीआइ जांच पर अब भरोसा नहीं है. ज्ञात हो कि आरजी कर कांड को हुए 132 दिन बीत चुके हैं, पर पीड़िता को न्याय नहीं मिला.
पीएम व सीएम के खिलाफ भी लगे नारे
रानी रासमणि एवेन्यू में अभया मंच के साथ सीनियर डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ नारे लगाये और विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी हुई. प्रदर्शनकारियों का दावा है कि पुलिस उनके मार्च में बाधा डाल रही थी. प्रदर्शन कर रहे एक डॉक्टर ने कहा, पीले रंग की शर्ट पहने एक व्यक्ति आया और उसने ड्रम से पहले पानी फेंका, फिर हमें पीटना शुरू कर दिया. ऐसे में पीड़िता को न्याय कैसे मिलेगा?
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