कल्याण ने बोतल तोड़ पाल की तरफ फेंकी, हुए निलंबित

वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में मंगलवार को उस समय बहुत ही नाटकीय घटनाक्रम हुआ, जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने पानी वाली कांच की बोतल तोड़ कर समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल की तरफ फेंक दी.

By Prabhat Khabar News Desk | October 23, 2024 1:02 AM
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नयी दिल्ली. वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में मंगलवार को उस समय बहुत ही नाटकीय घटनाक्रम हुआ, जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने पानी वाली कांच की बोतल तोड़ कर समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल की तरफ फेंक दी. इस पर भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे के प्रस्ताव पर बनर्जी को एक दिन के लिए समिति की बैठक से निलंबित कर दिया गया. भाजपा के सांसद अभिजीत गांगुली के साथ तीखी बहस के दौरान बनर्जी गुस्से में आ गये थे. इस दौरान बनर्जी के दाहिने हाथ के अंगूठे और कनिष्ठा में चोट लग गयी. संसद परिसर स्थित चिकित्सालय में उनकी मरहम-पट्टी की गयी. पाल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को फोन कर घटनाक्रम से अवगत कराया. वहीं, कुछ विपक्षी सदस्यों ने दावा किया कि गांगुली ने भी उन्हें निशाना बनाया था.

समिति की अगली बैठक से उन्हें निष्कासित किया गया है. पाल ने कहा कि इस घटना के तत्काल बाद उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को फोन पर अवगत करा दिया. उन्होंने कहा : मैं चार दशक से संसदीय जीवन में हूं. ऐसा कभी नहीं देखा. कल कोई रिवाल्वर लेकर आये, इस तरह की घटना से आहत हूं. समिति ने बहुत भारी मन से (निलंबित करने) फैसला किया है. बोतल तोड़ कर फेंकने के दौरान बनर्जी के अंगूठे और कनिष्ठा (सबसे छोटी अंगुली) में चोट लग गयी, जिस वजह से उन्हें प्राथमिक उपचार देना पड़ा. बाद में उन्हें एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह द्वारा बैठक कक्ष में वापस ले जाते देखा गया. पाल ने बताया कि बनर्जी को एक दिन के लिए निलंबित करने के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के प्रस्ताव पर समिति ने नौ-आठ से वोट किया. बैठक खत्म होने के बाद बनर्जी ने घटना के बारे में पत्रकारों से बात करने से इंकार कर दिया. समिति ओडिशा के दो संगठनों के विचार सुन रही थी, जिसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीश और वकील शामिल थे. उस समय विपक्षी सदस्यों ने सवाल किया कि इस विधेयक से इनका क्या लेनादेना है. भाजपा के एक सदस्य ने कहा कि बनर्जी बोलने वाले पहले व्यक्ति थे और अध्यक्ष ने उन्हें कुछ हस्तक्षेप की अनुमति भी दी. जब उन्होंने एक बार फिर बोलने का मौका देने की मांग की, तो पाल ने मना कर दिया. इसके बाद बनर्जी और गांगुली के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गयी. गांगुली ने बार-बार होने वाले व्यवधान पर आपत्ति जतायी थी. वक्फ (संशोधन) विधेयक को माॅनसून सत्र में लोकसभा में पेश किये जाने के तुरंत बाद संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया था.

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