Kapil Muni Ashram : कपिल मुनि मंदिर पर संकट गहराया,10 फीट चौड़ा सड़क समुद्र में समाया
Kapil Muni Ashram : बंगाल समेत देश के तटवर्ती इलाकों में आये दिन चक्रवाती तूफान आ रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में चक्रवाती तूफानों की संख्या, गति व तीव्रता में काफी वृद्धि देखी गयी है. इसका असर सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल गंगासागर पर भी पड़ रहा है.
Kapil Muni Ashram : गंगासागर तीर्थ स्थल हिन्दुओं के लिये काफी खास है लेकिन अब गंगासागर (Gangasagar) का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है. मिली जानकारी के अनुसार बारिश व समुद्र के कटाव की वजह से गंगासागर में सागर तट के एक नंबर से पांच नंबर तक पक्की सड़क पूरी तरह टूट गयी है. इस सड़क का निर्माण पीडबल्यूडी विभाग की ओर से किया गया था. प्रशासन की ओर से माइकिंग कर श्रद्धालुओं को घाट संख्या 6 पर जाकर स्नान करने के लिए कहा जा रहा है. बारिश की वजह से समुद्र का जलस्तर भी बढ़ गया है. कई दुकानों के ढहने की भी खबर है. स्थानीय पंचायत के उप-प्रधान और तृणमूल नेता हरिपद मंडल ने कहा कि मास्टर प्लान के अलावा कोई रास्ता नहीं है. दीघा की तरह सरकार को इसे भी बंद करना चाहिए.
ग्लोबल वार्मिंग का असर गंगा सागर तीर्थस्थल पर अधिक
ग्लोबल वार्मिंग की वजह से बंगाल सहित पूरे देश के तटवर्ती इलाकों में समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है. इन क्षेत्रों में मौसम में भी तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है. बंगाल समेत देश के तटवर्ती इलाकों में आये दिन चक्रवाती तूफान आ रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में चक्रवाती तूफानों की संख्या, गति व तीव्रता में काफी वृद्धि देखी गयी है. इसका असर सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल गंगासागर पर भी पड़ रहा है. पिछले एक दशक में जिस प्रकार से चक्रवातों की संख्या बढ़ी है, ऐसे में किनारों के बने बांध क्षतिग्रस्त हो गये हैं. इसकी मरम्मत के लिए राज्य सरकार ने पहल भी शुरू की थी, लेकिन बाद में योजना पर काम आगे नहीं बढ़ पाया है.
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तीन कपिल मुनि मंदिर समा गये समुद्र में
गंगासागर की तट पर स्थित कपिल मुनि मंदिर काफी पुराना है. इस जगह के साथ पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं. इसका विशेष महत्व है. कपिल मुनि का मंदिर 1437 में स्वामी रामानंद ने स्थापित किया था. हालांकि, पहला मंदिर वर्तमान जगह से लगभग 20 किमी की दूरी पर था. लेकिन जलस्तर बढ़ने से यह समुद्र में समा गया. इसे फिर दूसरी जगह स्थापित किया गया. पर कुछ सालों बाद यह मंदिर भी समुद्र में समा गया. बताया जाता है कि इसी तरह कपिल मुनि के तीन मंदिर समुद्र में समा चुके हैं. अब वर्तमान मंदिर पर भी खतरा मंडरा रहा है. बताया जाता है कि वर्तमान मंदिर का निर्माण 1970 के दशक में किया गया था. लेकिन जब यह बना था, उस समय सागर से करीब चार किमी की दूरी पर था. वर्तमान समय में सागर से कपिल मुनि मंदिर की दूरी कम होकर मात्र 500 मीटर रह गयी है.