भ्रष्टाचार मामले में हंस के करीबी और कोलकाता के कारोबारी पुष्पराज अरेस्ट

भ्रष्टाचार के मामले में इडी ने बिहार सरकार में ऊर्जा विभाग के पूर्व सचिव संजीव हंस के करीबी कोलकाता के एक कारोबारी पुष्पराज बजाज को गिरफ्तार किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 23, 2024 1:13 AM

आवास से जरूरी दस्तावेज व डिजिटल उपकरण भी जब्त

संवाददाता, कोलकाताकरोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के अधिकारी और बिहार सरकार में ऊर्जा विभाग के पूर्व सचिव संजीव हंस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व विधायक गुलाब यादव के करीबियों पर कार्रवाई जारी है. अब इस मामले में इडी ने हंस के करीबी माने जाने वाले कोलकाता के एक कारोबारी पुष्पराज बजाज को गिरफ्तार किया है. उससे लंबी पूछताछ के बाद इडी ने उसे गिरफ्तार किया. इतना ही नहीं, उनके आवास से जरूरी दस्तावेज व डिजिटल उपकरण भी जब्त किये गये हैं. हंस और गुलाब यादव पर दर्ज धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में यह पांचवीं गिरफ्तारी की है. इससे पूर्व इ़डी ने हंस, गुलाब के साथ ही प्रवीण चौधरी और शादाब अहमद को भी गिरफ्तार किया था.

बताया जा रहा है कि पुष्पराज मामले में गिरफ्तार हंस और गुलाब के साथ मिलकर काम करते थे. उनके रियल इस्टेट व इलेक्ट्रॉनिक्स सामान से जुड़े व्यवसाय में शामिल होने की बात भी सामने आयी है. उक्त मामले की जांच के तहत इडी ने 10 से 13 सितंबर के अंतराल में कोलकाता, दिल्ली और मुंबई में छापेमारी की थी. पुष्पराज के दक्षिण कोलकाता व सॉल्टलेक स्थित ठिकानों पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने 12 सितंबर को तलाशी अभियान चलाया था. पुष्पराज के साथ ही इडी ने दिल्ली में विपुल बंसल और मुंबई में एसके खान के ठिकानों पर छापा मारा था. इडी के अभियान के दौरान करीब 87 लाख रुपये नकद, सोने के आभूषण, 15 किलोग्राम सिल्वर बुलियन और रियल इस्टेट निवेश से जुड़े कई दस्तावेज बरामद किये थे. हंस को पटना में उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया गया था, जबकि यादव की पीएमएलए के प्रावधानों के तहत दिल्ली में गिरफ्तारी हुई. इडी की जांच में बिहार ऊर्जा विभाग में टेंडर घोटाले में हंस की संलिप्तता मिली है, जब वह विभाग के प्रधान सचिव थे. इडी द्वारा धनशोधन का मामला बिहार की विशेष सतर्कता इकाई (एसवीयू) द्वारा हंस की पत्नी, पिता, साले, ससुर और एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी सहित 13 लोगों के खिलाफ दर्ज की गयी प्राथमिकी पर आधारित है.

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