प्रमुख बातें
- पुलिस ने कहा, वेलफेयर सेल के एएसआई अरूप दत्त के नाम पर जारी किया गया था वह बाइक
- खुद उस बाइक का इस्तेमाल न कर अरूप ने संजय को दे रखा था वह बाइक
- कोलकाता पुलिस ने इस लापरवाही एवं अनुशासनहीनता के कारण एएसआई के खिलाफ शुरू की विभागीय जांच
कोलकाता, विकास कुमार गुप्ता : पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ जघन्य तरीके से दुष्कर्म एवं उसकी हत्या करने की घटना में गिरफ्तार एकमात्र आरोपी सिविक वोलेंटियर ने जिस बाइक पर सवार होकर अस्पताल में आया था, वह कोलकाता पुलिस कमिश्नर के नाम पर खरीदा गया था. सोशल मीडिया में चल रहे इस खबर पर कोलकाता पुलिस की तरफ से अपना पक्ष रखा गया है.
एएसआई अरूप दत्त के नाम पर जारी किया गया था बाइक
कोलकाता पुलिस की तरफ से इस आरोप को लेकर कहा गया है कि कोलकाता पुलिस फोर्स के लिए कोई भी वाहन खरीदा जाता है तो विभागीय प्रमुख होने के नाम पर वह कमिश्नर ऑफ कोलकाता के नाम पर ही खरीदा जाता है. शुरुआत से ही यह परंपरा चली आ रही है. इसके कारण अन्य वाहनों की तरह उक्त बाइक को भी कमिश्नर ऑफ कोलकाता के नाम पर खरीदा गया था. इसे लेकर आम लोगों के बीच इस तरह का सिर्फ भ्रम फैलाया जा रहा है. आम लोगों से निवेदन है कि इस तरह के भ्रम पर ध्यान न दें.
कोलकाता पुलिस ने एएसआई के खिलाफ शुरू की विभागीय जांच
वहीं पुलिस के कुछ अन्य सूत्र बताते हैं कि कोलकाता पुलिस लिखे जिस बाइक पर सवार होकर संजय वहां आया था, उस बाइक को वेलफेयर सेल को दिया गया था. उस बोर्ड में कार्यरत एएसआई को वह बाइक जारी किया गया था. अब उक्त एएसआई अरूप दत्त ने अपने विभाग के नाम पर जारी उक्त बाइक को क्यों सिविक वोलेंटियर संजय को दिया, इसकी विभागीय जांत की जा रही है. आरोपी एएसआई से इस सिलसिले में पूछताछ की जा रही है. पुलिस की तरफ से कहा गया कि, अगर उसपर लगा आरोप सही साबित हुआ तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
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