Kolkata Doctor Murder Case : सीबीआई की जांच से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट, विकिपीडिया को मृतका का नाम हटाने का दिया निर्देश
Kolkata doctor Murder Case : उच्चतम न्यायालय ने अस्पतालों में चिकित्सकों, अन्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठेके पर कर्मचारियों की भर्ती करने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले पर सवाल उठाया.
Kolkata Doctor Murder Case : उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच पर एक वस्तु स्थिति रिपोर्ट सौंपने का मंगलवार को निर्देश दिया, जहां पिछले महीने एक प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी. भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सीबीआई की रिपोर्ट पर गौर किया और कहा कि स्थिति का खुलासा करने से आगे की जांच खतरे में पड़ जाएगी.
विकिपीडिया को मृतका का नाम हटाने का दिया निर्देश
सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय में कहा कि विकिपीडिया अब भी मृतका का नाम और तस्वीर दिखा रहा है. इसके बाद शीर्ष अदालत ने विकिपीडिया को मृतका का नाम हटाने का निर्देश दिया.पीठ ने कहा, ‘‘मृतका की गरिमा और निजता बनाए रखने के लिए, शासकीय सिद्धांत यह है कि दुष्कर्म और हत्या के मामले में मृतका की पहचान का खुलासा नहीं किया जाएगा. विकिपीडिया पहले दिए आदेश के अनुपालन के लिए कदम उठाए.
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अदालत ने ‘वित्तीय अनियमितताओं’ की जांच पर मांगी रिपोर्ट
न्यायालय ने यह भी कहा कि कोई यह नहीं कह सकता है कि सीबीआई ने अपराध, घटनास्थल या 27 मिनट की सीसीटीवी फुटेज से संबंधित कुछ भी नष्ट कर दिया है. पश्चिम बंगाल पुलिस ने अदालत को बताया कि सीसीटीवी फुटेज समेत अपराध से संबंधित कोई भी सामग्री उसके पास नहीं हैं तथा सब कुछ सीबीआई को सौंप दिया गया है.उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई से चिकित्सा विभागों में कथित वित्तीय अनियमितताओं पर अभी तक की गयी जांच पर वस्तु स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा.
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सीबीआई को मृतका के माता-पिता द्वारा दी गयी सूचना की जांच करने का भी निर्देश
उसने सीबीआई को कोलकाता दुष्कर्म एवं हत्या मामले में मृतका के माता-पिता द्वारा दी गयी सूचना की जांच करने का भी निर्देश दिया है. न्यायालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार का ‘रात्रियर साथी’ कार्यक्रम महिला चिकित्सकों के करियर पर प्रतिकूल असर डालेगा. इस कार्यक्रम में महिला चिकित्सकों की रात की ड्यूटी न लगाने का प्रावधान है.पीठ ने अस्पतालों में चिकित्सकों, अन्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठेके पर कर्मचारियों की भर्ती करने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले पर भी सवाल उठाया.पश्चिम बंगाल सरकार ने न्यायालय में कहा कि वह महिला चिकित्सकों के लिए काम के घंटे 12 घंटे तक सीमित करने और रात की ड्यूटी न लगाने की अपनी अधिसूचना वापस लेगी.