Kolkata Doctor Murder : सीबीआई ने संदीप घोष समेत 5 लोगों का किया पॉलीग्राफ टेस्ट
Kolkata Doctor Murder : आरजीकेएमसीएच के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, घोष ने अस्पताल के प्राचार्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपने सहयोगियों के साथ मिलकर स्वास्थ्य विभाग और कॉलेज काउंसिल की अनुमति के बिना फूड स्टॉल, कैफे और कैंटीन निर्माण के लिए निविदाएं जारी की थीं.
Kolkata Doctor Murder : सीबीआई के अधिकारियों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या की जांच के सिलसिले में सोमवार को पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और पांच अन्य का दूसरे दौर का पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू किया.एक अधिकारी के अनुसार पिछले 10 दिनों में घोष से हुई पूछताछ के दौरान उनके बयानों में तारतम्य नहीं दिखा, जिसके कारण अधिकारियों को पॉलीग्राफ टेस्ट का एक और दौर आयोजित करना पड़ा. सीबीआई ने शनिवार को घोष और पांच अन्य पर झूठ पकड़ने वाले परीक्षण किए थे.
संजय वशिष्ठ के घर पर भी सीबीआई ने मारा था छापा
अधिकारी ने बताया कि आरजीकेएमसीएच में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में सोमवार को संस्थान के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और पूर्व चिकित्सा अधीक्षक एवं उप प्राचार्य संजय वशिष्ठ से पूछताछ शुरू की गई.सीबीआई के अधिकारियों ने रविवार को घोष के बेलियाघाटा आवास पर तलाशी ली थी. घोष सोमवार को सुबह फाइल और दस्तावेजों के साथ साल्ट लेक स्थित एजेंसी के दफ्तर पहुंचे थे.अधिकारी के अनुसार, वशिष्ठ के घर पर भी सीबीआई अधिकारियों ने छापा मारा था.
सीबीआई ने रविवार को 13 जगहों पर की थी छापेमारी
कल के तलाशी अभियान के बाद हमारे पास उनके लिए कई सवाल हैं. सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में अपनी जांच के सिलसिले में रविवार को घोष, वशिष्ठ और 13 अन्य लोगों के कोलकाता में और उसके आसपास स्थित परिसरों में एक साथ तलाशी ली थी.सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने रोगियों की देखभाल के लिए सामग्री की आपूर्ति करने वाले कुछ लोगों के दफ्तरों और आवासों पर भी छापे मारे. सीबीआई ने रविवार को 13 जगहों पर की थी छापेमारी की थी.
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संदीप घोष के खिलाफ कई मामले दर्ज
आरजीकेएमसीएच के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, घोष ने अस्पताल के प्राचार्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपने सहयोगियों के साथ मिलकर स्वास्थ्य विभाग और कॉलेज काउंसिल की अनुमति के बिना फूड स्टॉल, कैफे और कैंटीन आदि के निर्माण के लिए निविदाएं जारी की थीं. अधिकारी के अनुसार, शुरुआती जांच में सामने आया कि तीन व्यापारियों को अवैध ठेके मिले थे.कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने हत्या और कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले दर्ज किए हैं.