Kolkata Doctor Murder: CBI ने आरोपी के साइकोलॉजिकल टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की, हो सकते हैं अहम खुलासे
CBI जूनियर डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या मामले में अब आरोपी के साइकोलॉजिकल टेस्ट की प्रक्रिया शुरू करने वाली है. इससे कई अहम सुराग मिल सकते हैं.
Kolkata Doctor Murder Case : कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की एक महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु (पीजीटी) चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) कर रही है. उक्त घटना को लेकर केवल राज्य ही नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी विरोध जताया जा रहा है. साथ ही मामले को दोषियों को फांसी की सजा की मांग की जा रही है.
दिल्ली से कोलकाता पुहंची सीएफएसएल की टीम
उक्त मामले में सिविक वॉलंटियर संजय राय की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है, जो सीबीआइ की हिरासत में है. सूत्रों के अनुसार, सीबीआइ ने रविवार को राय का साइकोलॉजिकल टेस्ट (मनोवैज्ञानिक परीक्षण) की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) के पांच विशेषज्ञों की टीम भी कोलकाता पहुंच गयी है. विशेषज्ञ वे राय से कुछ सवाल करेंगे, जिसके लिए सवालों की एक फेहरिस्त तैयार की जा चुकी है.
क्या होता है साइकोलॉजिकल टेस्ट ?
असल में इस टेस्ट को साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी भी कह सकते हैं. इससे पता चलता है कि आरोपी के दिमाग में क्या चल रहा है. इस टेस्ट के लिए सीबीआई को किसी भी तरह की कोर्ट की इजाजत लेने की कोई जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन जरूरी बात यह है कि इस टेस्ट के जरिए और इस टेस्ट के बाद आरोपी का कोर्ट की अनुमति से ब्रेन मैपिंग, लाइव डिटेक्टर, नार्को टेस्ट करवाया जा सकता है. इस टेस्ट में सीबीआइ लेयर्ड वॉयस एनालिसिस यानी झूठ पकड़ने के एक डिवाइस में संजय राय की आवाज को डाल सकती है और उस वॉयस के जरिये यह पता चल सकता है कि आरोपी से जो सवाल पूछे गये हैं, क्या वो उनके जवाब देते वक्त सच बोल रहा है या नहीं. अब ऐसे में ये देखना होगा कि सीबीआई आरोपी से क्या-क्या सवाल करती है, क्योंकि पूरे देश को अब बस उस पल का इंतजार है, जब आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिले.
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