Kolkata Doctor Murder : हाईकोर्ट ने कोलकाता पुलिस आयुक्त को हटाने की याचिका पर सुनवाई की स्थगित
Kolkata Doctor Murder : कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल पर आरजी कर हॉस्पिटल में पीड़िता का नाम उजागर करने का आरोप लगा था. हाई कोर्ट में केस दायर किया गया था. फिलहाल कोर्ट की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है.
Kolkata Doctor Murder : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आरजी कर अस्पताल की घटना पर कोलकाता पुलिस आयुक्त को हटाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर की सुनवाई स्थगित कर दी. चूंकि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है, इसलिए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने फिलहाल इस मामले की सुनवाई स्थगित करने का आदेश दिया.गौरतलब है कि जूनियर डॉक्टरों की मांग के अनुसार, राज्य सरकार ने विनीत गोयल को कोलकाता पुलिस के सीपी पद से हटा दिया है. वह अब एडीजी (एसटीएफ) के प्रभारी हैं.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा : सुप्रीम कोर्ट में चल रही है सुनवाई
राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लेने से पहले यह मामला दायर किया गया था. बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि विनीत गोयल का प्रमोशन हो गया है. उन्हें एक बेहतर पद पर नियुक्त किया गया है. हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि वह अभी हस्तक्षेप नहीं करेगी, क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है. हालांकि, विनीत गोयल के वकील ने कहा कि उन्हें पहले ही पद से हटाया जा चुका है, इसलिए इस आवेदन का कोई औचित्य नहीं है.
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27 के बाद याचिकाकर्ता को आने के लिए कहा
हाइकोर्ट के आदेश के मुताबिक, चूंकि आरजी कर अस्पताल से जुड़े सभी मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं, इसलिए हाइकोर्ट में मामले की सुनवाई न्यायिक नियमों के मुताबिक स्थगित रहेगी. 27 सितंबर के बाद सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद जरूरत पड़ने पर मामलों की सुनवाई के लिए याचिकाएं हाईकोर्ट के ध्यान में लायी जा सकती हैं, क्योंकि 27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होने की संभावना है.
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सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल को लेकर हाइकोर्ट में जमा की रिपोर्ट
वहीं, सीबीआइ ने आरजी कर अस्पताल की घटना को लेकर हाइकोर्ट में भी एक रिपोर्ट पेश की है, जिसे मुख्य न्यायाधीश ने संरक्षित रख दिया है. गौरतलब है कि इससे पहले हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने सीबीआइ को यह जांच करने का निर्देश दिया था कि क्या आरजी कर मामले के पीड़ितों की तस्वीरें और नाम सोशल मीडिया पर प्रसारित किये जा रहे हैं. सीबीआइ ने बुधवार को इसे लेकर कोर्ट को मुहरबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी है. हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने उस रिपोर्ट को नहीं खोला है, क्योंकि यह मामला भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.