Kolkata Doctor Murder : बंगाल सरकार की बढ़ी चिंता, आखिर क्यों बढ़ रहा है स्वास्थ्य साथी का खर्च
Kolkata Doctor Murder : बताया गया है कि जूनियर चिकित्सकों की लगातार हड़ताल के कारण राज्य में स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो रही है. सरकारी अस्पतालों के आउटडोर व रोगियों को भर्ती करने की संख्या में काफी गिरावट आयी है.
Kolkata Doctor Murder : पश्चिम बंगाल में आरजी कर कांड के बाद से ही जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. ऐसे में राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. इसकी वजह से निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसका प्रभाव स्वास्थ्य साथी योजना के खर्च पर भी पड़ रहा है. बताया गया है कि जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल की वजह से पिछले 25 दिनों में स्वास्थ्य साथी योजना के तहत राज्य सरकार का खर्च लगभग दो गुना हो गया है.
10 अगस्त से अब तक 150 करोड़ रुपये आवंटित कर चुकी है राज्य सरकार
जानकारी के अनुसार, 10 अगस्त से अब तक राज्य सरकार ने स्वास्थ्य साथी योजना के तहत इलाज के खर्च के रूप में 150 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य साथी योजना के लिए राज्य सरकार प्रत्येक दिन औसतन छह करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जो पहले महज दो-तीन करोड़ रुपये था. बताया गया है कि महानगर के साथ-साथ जिलों में स्थित निजी अस्पतालों से इलाज के खर्च के एवज में पहले की तुलना में अधिक राशि की मांग की जा रही है.
हड़ताल का स्वास्थ्य परिसेवाओं पर पड़ रहा असर
बताया गया है कि जूनियर चिकित्सकों की लगातार हड़ताल के कारण राज्य में स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो रही है. सरकारी अस्पतालों के आउटडोर व रोगियों को भर्ती करने की संख्या में काफी गिरावट आयी है. साथ ही सरकारी अस्पतालों में महत्वपूर्ण ऑपरेशन की संख्या भी कम गयी है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट पेश की गयी है, जिसमें बताया गया है कि 10 अगस्त से चिकित्सकों की हड़ताल के कारण आउटडोर परिसेवा में 50 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी है.
रोगियों को भर्ती करने की संख्या में आई 25 प्रतिशत की कमी
सरकारी मेडिकल कॉलेज में रोगियों को भर्ती करने की संख्या भी 25 प्रतिशत कम हुई है. इसके अलावा महत्वपूर्ण ऑपरेशन की संख्या में भी 50 प्रतिशत की कमी आयी है. गौरतलब है कि जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ा है, इस बारे में राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट तलब की थी. स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऐसी ही रिपोर्ट सीएमओ कार्यालय में पेश की गयी है.
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