Kolkata Doctor Murder : विनीत गोयल पर प्राथमिकी दर्ज करने संबंधी याचिका पर सोमवार को होगी सुनवाई

Kolkata Doctor Murder : अदालत के समक्ष जनहित याचिका पेश करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पीड़िता की पहचान उजागर करने वाले कथित अपराधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने अनुरोध किया है.

By Shinki Singh | October 4, 2024 6:23 PM
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Kolkata Doctor Murder : कलकत्ता उच्च न्यायालय आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की पीड़िता का कथित तौर पर नाम उजागर करने के लिए कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुरोध वाली जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा.

क्या है मामला

नौ अगस्त को आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या की घटना के समय गोयल कोलकाता पुलिस के आयुक्त थे और अब वह पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) के रूप में तैनात हैं. उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की गई जिसमें दावा किया गया कि गोयल ने जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पीड़िता का नाम उजागर किया.

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पीड़िता की पहचान उजागर करने के खिलाफ दर्ज हुआ था मामला

अदालत के समक्ष जनहित याचिका पेश करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पीड़िता की पहचान उजागर करने वाले कथित अपराधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने अनुरोध किया है. याचिकाकर्ता कलकत्ता उच्च न्यायालय में वकील है. जेठमलानी ने मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को अवगत कराया कि आर जी कर अस्पताल मामले का स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहे उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि इस मसले पर सुनवाई उच्च न्यायालय कर सकता है. पीठ में न्यायमूर्ति बिवास पटनायक भी शामिल हैं.

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पीड़िता के माता-पिता बेटी की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की थी

पीठ ने कहा कि इस जनहित याचिका को सुनवाई के वास्ते सोमवार के लिए सूचीबद्ध किया गया है.शीर्ष अदालत के साथ-साथ उच्च न्यायालय ने भी पीड़िता की पहचान उजागर नहीं करने के निर्देश दिए थे.राज्य के जूनियर डॉक्टर घटना के तुरंत बाद हड़ताल पर चले गए थे और इस दौरान उन्होंने पीड़िता के लिए न्याय, कार्यस्थल पर सुरक्षा और कोलकाता पुलिस आयुक्त के पद से गोयल को हटाने आदि की मांग भी की थी.उच्च न्यायालय ने इस मामले पर कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मामले की जांच कोलकाता पुलिस से लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी थी. इन जनहित याचिकाओं में पीड़िता के माता-पिता की भी एक याचिका शामिल है, जिन्होंने अपनी बेटी की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की थी.

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