Kolkata News : अब पर्ची पर होगा चावल-गेहूं पर सरकार का कितना खर्च
Kolkata News : राज्य के खाद्य विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर नवंबर के पहले सप्ताह से नयी तरह की पर्चियां शुरू करने की घोषणा की है.
Kolkata News : पश्चिम बंगाल में अब राशन ग्राहकों को चावल और गेहूं देते समय दी जाने वाली ‘पर्ची’ में लिखा होगा कि सरकार इसके लिए कितना खर्च कर रही है. कागज की यह पर्ची राशन की ई-पॉस मशीन से निकलती है. चूंकि राशन उपभोक्ताओं को चावल और गेहूं मुफ्त मिलता है, इसलिए पर्ची में कोई कीमत अंकित नहीं होती है. पर्ची पर दी गई खाद्य सामग्री की कुल मात्रा सहित कुछ अन्य जानकारी लिखी होती है. लेकिन नवंबर से इसमें बदलाव हो रहा है.
खाद्य विभाग ने राशन वितरण को लेकर जारी की अधिसूचना
राज्य के खाद्य विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर नवंबर के पहले सप्ताह से नयी तरह की पर्चियां शुरू करने की घोषणा की है. हालांकि, अधिसूचना में केवल राशन ग्राहकों के लिए केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाने वाली लागत (आर्थिक लागत) का उल्लेख है. बताया जाता है कि सरकार प्रत्येक किलो चावल पर 37 रुपये 46 पैसे और गेहूं या आटे पर 27 रुपये 9 पैसे खर्च कर रही है.
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सरकारी खर्च का उल्लेख करने के मुद्दे को लेकर चल रहा है विवाद
सरकारी खर्च का उल्लेख करने के मुद्दे पर पिछले लोकसभा चुनाव से पहले ही राज्यों के खाद्य विभाग और केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के बीच विवाद चल रहा है. कारण इसे अधिकांश राज्यों में लागू किया गया लेकिन पश्चिम बंगाल में नहीं किया गया. राज्य के खाद्य विभाग ने कहा कि हालांकि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशन ग्राहकों को चावल और गेहूं की आपूर्ति करती है, लेकिन राज्य सरकार भी यहां कुछ खर्च उठाती है. राज्य सरकार राशन डीलरों- वितरकों का कमीशन और राज्य के भीतर चावल और गेहूं के परिवहन की आधी लागत वहन करती है. ऐसे में सवाल उठता है कि राज्य सरकार द्वारा किया जाने वाला खर्च पर्ची में क्यों नहीं लिखा जाएगा.
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