डॉक्टरों पर हमला करने के लिए लोगों को उकसा रहे नेता
दरअसल, स्वास्थ्य की ढांचागत कमी, जरूरत की तुलना में अनियमित और अपर्याप्त स्वास्थ्य कर्मी, वित्तीय अभाव और भ्रष्टाचार-माफिया भय की राजनीतिक के कारण स्वास्थ्य केंद्रों का यह हाल है.
कोलकाता. चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार को आदेश दिया गया है. इसके बावजूद सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर, नर्स व स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला हुआ है. कुछ दिन पहले मेदिनीपुर के भगवानपुर में भी ऐसा हुआ था. दरअसल, स्वास्थ्य की ढांचागत कमी, जरूरत की तुलना में अनियमित और अपर्याप्त स्वास्थ्य कर्मी, वित्तीय अभाव और भ्रष्टाचार-माफिया भय की राजनीतिक के कारण स्वास्थ्य केंद्रों का यह हाल है. इस घटना को लेकर एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स की ओर से निंदा की गयी है. इस मामले में संयुक्त संयोजक डॉ पुण्यब्रत गुन ने प्रेस रिलीज जारी किया है. प्रेस रिलीज में लिखा है कि सत्तारूढ़ दल के नेता-मंत्री लोगों को डॉक्टरों पर हमला करने के लिए उकसा रहे हैं. इससे पता चलता है कि प्रशासन सरकारी चिकित्सा क्षेत्र को बर्बाद करना चाहता है. हम उन जूनियर डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के आंदोलन के प्रति सहानुभूति रखते हैं और एकजुटता से खड़े हैं, जो अपनी शारीरिक और मानसिक सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.
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