भारती जैनानी, कोलकाता
कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में सभी 20 सिनेमाघरों में दर्शकों की अच्छी खासी भीड़ जुट रही है. मंगलवार को भी राधा स्टूडियो, नजरूल तीर्थ, नवीना के अलावा विशेषकर रवींद्र सदन, शिशिर मंच और नंदन परिसर के तीनों हॉल में शॉर्ट एंड डॉक्यूमेंट्री फिल्मों को देखने के लिए सिने प्रेमियों की भीड़ दिखायी दी. नंदर परिसर के प्रेस कॉर्नर में “शॉर्ट एंड डॉक्यूमेंट्री: कम्पीटिशन ऑन इंडियन डॉक्यूमेंट्री फिल्म” की श्रेणी में ‘प्यार मोहब्बत और मौत का कुआं’ की निर्देशक जोया खान ने बताया कि यह फिल्म सर्कस में खतरनाक स्टंट करने वाले प्रोफेशनल्स राइडर्स चांद खान, कबीर सिंह और रिहान राव की जीवन की कहानी को दर्शाती है. जो मौत का कुआं हम बचपन से सर्कस में देखते आये हैं, उसके पीछे कलाकारों की कितनी रिस्क होती है और हर पल उनके लिए कितना खतरनाक होता है, इसको बखूबी दिखाया गया है. वह कहती हैं कि वह सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता की छात्रा हैं और यहां से मीडिया का कोर्स करने के बाद फिल्म का निर्देशन करने में उनकी रुचि बढ़ी. इस फिल्म के प्रोड्सूयर एससीएम सोफिया है और संपादक कशिश जुनेजा, एस. कारकेरा व तनुश्री शर्मा हैं. वह वर्तमान में एमएएमआई मुम्बई फिल्म फेस्टिवल में प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर के रूप में काम कर रही है. वह आगे भी ऐसे ही संवेदनशील मुद्दे पर शॉट फिल्में बनायेगी.
वहीं “शॉर्ट एंड डॉक्यूमेंट्री: कम्पीटिशन ऑन इंडियन डॉक्यूमेंट्री फिल्म” की श्रेणी में ही प्रेस को संबोधित करते हुए फिल्म ‘ब्रेड’ के डाइरेक्टर बिनेन्द्र मेनन ने बताया कि एक बहुत ह्दयविदारक लिंचिंग की घटना से उन्हें ब्रेड फिल्म बनाने का विचार आया. इस फिल्म में एक बच्चे से ब्रेड चुराते हुए एक चोर की कहानी है, जो जंगल की ओर भागता है, जिसे पुलिस एक अपराधी की तरह पकड़ने व दंडित करने की कोशिश करती है. यह ट्राईबल चोर किस तरह मुसीबत में फंस जाता है, उसकी कहानी फिल्म में दिखायी गयी है. इस संजीदा सामाजिक मसले पर बनी फिल्म को केआईएफएफ में दर्शकों का काफी प्यार मिला है. इस फिल्म में अप्पू एन भट्टाथिरी संपादक हैं और म्यूजिक रोज कूपमैन ने दिया है. ब्रेड चुराने वाले चोर के रूप में सुधाकरन अखिलान ने रोल निभाया है, जिसे काफी सराहा गया और पुलिस के रूप में अजमल जेन ने किरदार किया है. लगभग एक दशक से फिल्मों का निर्देशन कर रहे बिनेन्द्र मेनन बताते हैं कि वह सिनेमैटोग्राफर के रूप में जाने जाते हैं और समाज की घटनाएं उनको शॉट फिल्में बनाने के लिए प्रेरित करती हैं. कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में उनकी फिल्म को शामिल करने पर उन्हें बहुत खुशी है.
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