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बंगाल में केंद्रीय पर्यवेक्षकों को भेजने की घोषणा पर ममता नाराज, कहा- यह संघीय भावना के खिलाफ

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह यह समझने में असमर्थ हैं कि आखिर किस आधार पर केंद्र सरकार ने दो इंटर मिनिस्टेरियल सेंट्रल टीमों को राज्य के सात जिलों में तैनात करने का फैसला किया है. इस संबंध में ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा है कि यह देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया : हम केंद्र सरकार के कोरोना संकट के मुकाबले के लिए सभी रचनात्मक सहयोग व सुझावों का स्वागत करते हैं. लेकिन केंद्र ने आखिर किस आधार पर आइएमसीटी (इंटर मिनिस्टेरियल सेंट्रल टीम) को बंगाल सहित देश भर के कुछ चुने हुए जिलों में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत तैनात करने का फैसला किया वह अस्पष्ट है.

By AmleshNandan Sinha | April 20, 2020 5:45 PM
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कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह यह समझने में असमर्थ हैं कि आखिर किस आधार पर केंद्र सरकार ने दो इंटर मिनिस्टेरियल सेंट्रल टीमों को राज्य के सात जिलों में तैनात करने का फैसला किया है. इस संबंध में ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा है कि यह देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया : हम केंद्र सरकार के कोरोना संकट के मुकाबले के लिए सभी रचनात्मक सहयोग व सुझावों का स्वागत करते हैं. लेकिन केंद्र ने आखिर किस आधार पर आइएमसीटी (इंटर मिनिस्टेरियल सेंट्रल टीम) को बंगाल सहित देश भर के कुछ चुने हुए जिलों में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत तैनात करने का फैसला किया वह अस्पष्ट है.

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उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री और अमित शाह से अनुरोध करती हूं कि इस संबंध में अपनाये गये मानकों की जानकारी दें. तब तक डर है कि हम इस दिशा में आगे नहीं बढ़ सकते क्योंकि बगैर वैध कारणों के यह संघ की भावना के खिलाफ है. गौरतलब है कि केंद्र की दो टीमें राज्य के कोलकाता, हावड़ा, पूर्व मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना, दार्जिलिंग, कलिंग्पोंग और जलपाइगुड़ी जिले का दौरा करेंगी.

इन टीमों का नेतृत्व रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अपूर्व चंद्रा और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विनीत जोशी करेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन टीमों में एनडीएमए के संयुक्त सचिव रमेश कुमार गांता, ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हाइजीन एंड पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर तथा पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट आरआर पाती, उपभोक्ता मामलों के विभाग के निदेशक सीताराम मीणा, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के उप सचिव जिले सिंह विकाल, प्रोफेसर शिवानी दत्ता, एनडीएमए के सलाहकार अजय गंगवार, धर्मेश मकवाना तथा एनबी मणि शामिल रहेंगे.

आपको बता दें कि बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच कोरोनावायरस महामारी के इस दौर में भी काफी खटास है. भाजपा के कुछ सांसदों और विधायकों को भी लॉकडाउन के उल्लंघन मामले में हाउस अरेस्ट कर दिया गया है. जगदीप धनखड़ ममता सरकार पर लगातार सहयोग न करने का आरोप लगाते रहते हैं. इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भी भेजा था. पूर्व में गृह मंत्रालय ने भी कहा था कि बंगाल में लॉकडाउन का सही तरह से पालन नहीं हो रहा है.

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