Mamata Banerjee : ममता बनर्जी ने दुष्कर्म विरोधी अपराजिता बिल को बताया ‘ऐतिहासिक’

Mamata Banerjee : ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा, विपक्ष को राज्यपाल से विधेयक पर हस्ताक्षर करने के लिए कहना चाहिए, उसके बाद इसे लागू करना हमारी जिम्मेदारी है.

By Shinki Singh | September 3, 2024 2:04 PM
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Mamata Banerjee : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 43 साल पहले इसी दिन 1981 में, संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए ‘महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर सम्मेलन’ के लिए एक समिति बनाई थी. मैं नागरिक समाजों से लेकर छात्रों तक सभी का अभिनंदन करती हूं, जो महिला सुरक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं. ममता बनर्जी ने राज्य के दुष्कर्म विरोधी विधेयक को ‘आदर्श, ऐतिहासिक’ बताया.

दुष्कर्म मानवता के खिलाफ है अभिशाप

ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा विपक्ष को राज्यपाल से विधेयक पर हस्ताक्षर करने के लिए कहना चाहिए, उसके बाद इसे लागू करना हमारी जिम्मेदारी है. दुष्कर्म मानवता के खिलाफ अभिशाप है, ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सामाजिक सुधार की जरूरत है. इस विधेयक के जरिए हमने केंद्रीय कानून में मौजूद कमियों को दूर करने का प्रयास किया है.

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प्रधानमंत्री ये नहीं कर पाए, इसलिए हम ये कर रहे हैं : ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, यह विधेयक सुनिश्चित करेगा कि महिला उत्पीड़न व बलात्कार जैसे मामलों में के लिए सख्त से सख्त सजा हो. इसमें भारतीय दंड संहिता और POCSO अधिनियम के प्रावधानों को और सख्त किया गया है. बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है, अगर उनके कृत्यों के परिणामस्वरूप पीड़िता की मृत्यु हो जाती है या वे गंभीर मस्तिष्क क्षति का शिकार हो जाती हैं. इसके तहत अपराजिता टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसमें प्रारंभिक रिपोर्ट के 21 दिनों के भीतर सजा दी जाएगी.

रात में काम करने वाली महिलाओं को दी जाएगी पूरी सुरक्षा

मैंने पहले ही स्वास्थ्य सचिव से कहा है कि जिन मार्गों पर नर्स और महिला डॉक्टर यात्रा करती हैं, उन्हें कवर किया जाना चाहिए, इसके लिए मैंने 120 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. हर जगह CCTV कैमरे लगाए जाएंगे, जहां टॉयलेट नहीं है, वहां इसकी व्यवस्था की जाएगी. हमने ‘रात्रि साथी’ का भी प्रावधान किया है, जिसमें कहा गया है कि महिलाएं 12 घंटे ड्यूटी करेंगी, और जरूरत पड़ती है तो डॉक्टर उनकी ड्यूटी बढ़ाएंगे. हमने महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐसा किया है. रात में काम करने वाली महिलाओं को पूरी सुरक्षा दी जाएगी.

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हर राज्य इसे बनाएगा मॉडल

हमने अस्पतालों, स्कूलों, मिड-डे मील केंद्रों को भी उचित कदम उठाने को कहा है. यहां से ये बिल पास होने के बाद राज्यपाल के पास जाएगा, उनके पास से पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास जाएगा और उनकी मंजूरी के बाद ये इतिहास बन जाएगा. हर राज्य इसे मॉडल बनाएगा.प्रधानमंत्री ये नहीं कर पाए, इसलिए हम ये कर रहे हैं.

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