Mamata Banerjee : ममता बनर्जी ने अपने बयान पर दी सफाई कहा, मेरे खिलाफ हो रहा है झूठा प्रचार

Mamata Banerjee : ममता बनर्जी ने कहा, मैंने मेडिकल छात्रों या उनके आंदोलनों के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है. मैं उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करती हूं. उनका आंदोलन सच्चा है.

By Shinki Singh | August 29, 2024 1:37 PM

Mamata Banerjee : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) बुधवार को तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुईं थी. जहां पर उन्होंने आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों के काम पर लौटने का अनुरोध किया था. ममता बनर्जी ने कहा, हमने डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. अगर हमने एफआईआर दर्ज कराई तो डाॅक्टरों का करियर बर्बाद हो जाएगा. इस टिप्पणी को लेकर विवाद छिड़ गया है. डॉक्टरों का दावा है कि उन्हें धमकियां दी गई हैं. गुरुवार को ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर बुधवार की बैठक के उनके भाषण की ‘गलत व्याख्या’ करने के लिए मीडिया के एक वर्ग को दोषी ठहराया है.

मैंने मेडिकल छात्रों के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा : ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने लिखा मुझे कुछ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में एक दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार अभियान का पता चला है, जो कल हमारे छात्रों के कार्यक्रम में मेरे द्वारा दिए गए भाषण के संदर्भ में फैलाया गया है. मैं दृढ़तापूर्वक स्पष्ट कर दूं कि मैंने मेडिकल छात्रों या उनके आंदोलनों के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है. मैं उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करती हूं. उनका आंदोलन सच्चा है. मैंने उन्हें कभी धमकी नहीं दी, जैसा कि कुछ लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं यह आरोप पूरी तरह से गलत है.

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ममता ने कहा,मैंने बीजेपी के खिलाफ बोला

मैंने बीजेपी के खिलाफ बोला है. मैंने उनके खिलाफ इसलिए बोला है क्योंकि भारत सरकार के समर्थन से वे हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं और अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. केंद्र के समर्थन से वे अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और मैंने उनके खिलाफ आवाज उठाई है.

भाषण में जिन शब्दों का उपयोग किया वह श्री रामकृष्ण परमहंस देव का

मैं यह भी स्पष्ट कर देती हूं कि जिस वाक्यांश का मैंने कल अपने भाषण में जिन शब्दों का उपयोग किया था, वह श्री रामकृष्ण परमहंस देव का है. महान संत ने कहा था कि कभी-कभी आवाज उठाने की जरूरत होती है. जब अपराध और आपराधिक घटनाएं होती हैं तो विरोध की आवाज उठानी ही पड़ती है. उस बिंदु पर मेरा भाषण महान रामकृष्णवादी कथन की ओर सीधा संकेत था.

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