कड़ा कानून बनाने के नाम पर डैमेज कंट्रोल करना चाहती हैं ममता : अधीर

विधान भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस के नेता ने लगाया आरोप

By Prabhat Khabar News Desk | August 30, 2024 9:17 PM

विधान भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस के नेता ने लगाया आरोप कोलकाता. विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर वहां बलात्कारियों को लिए फांसी का कानून बनाने की बात करके मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डैमेज कंट्रोल करना चाहती है, ताकी लोगों के गुस्से पर थोड़ी मरहम लगायी जा सके. ये बातें लोकसभा में विपक्ष के नेता रहे अधीर चौधरी ने प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय विधान भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहीं. अधीर चौधरी ने कहा : आरजी कर कांड की वजह से ममता बनर्जी के खिलाफ लोगों से आक्रोश है. ऐसे में वह बचने का रास्ता निकाल रही हैं. इसके लिए कभी वह सड़कों पर उतर रही हैं, तो कभी प्रधानमंत्री को पत्र लिख रही हैं. कभी विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर कड़ा कानून बनाने की बात कह रही हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सच है कि वह कड़ा कानून बनाकर बलात्कारी को तुरंत फांसी पर चढ़ाने की बात कह रही हैं. लेकिन उनकी कथनी और करनी में कितना फर्क है, यह बंगाल के लोग जान गये हैं. मौजूदा कानून में ही तो फांसी का प्रावधान है. इसके लिए जिन सबूतों की जरूरत होती है उसके आधार पर ही अपराधी को फांसी की सजा दी जा सकती है. लेकिन अगर प्रभावशाली लोग सबूतों को ही मिटा देंगे, तो कड़ा कानून बनाकर भी क्या होगा. आरजी कर कांड में लोगों ने यह देख लिया है कि किस तरह से सबूतों को मिटाया गया है. पूरा प्रशासन व सत्ता पक्ष किस तरह से मामले की लीपा पोती करने में जुटा रहा है. ऐसे नियति साफ होनी चाहिए तभी निष्पक्ष जांच होगा और अपराधियों को सजा मिलेगी. लेकिन आम लोगों की नाराजगी और आंदोलन के दबाव में आकर ममता बनर्जी को महसूस हो रहा है कि जनता को संभालना आसान नहीं है. डैमेज कंट्रोल में लगी ममता बनर्जी कह रही हैं कि वह आम लोगों के आंदोलन के साथ है. वह खुद सड़कों पर उतर कर जुलूस कर रही हैं और फांसी की मांग कर रही है. दूसरी तरफ दावा कर रही हैं कि उनकी पुलिस ने तत्परता के साथ मामले की जांच करते हुए 72 घंटे के अंदर एक आरोपी को पकड़ लिया है. ऐसा कह कर वह सीबीआइ पर सवाल उठाना चाहती हैं. सवाल उठता है कि पुलिस ने घटना के तुरंत बाद जो किया है और सबूत नष्ट हुए हैं उसकी जगह वह पुलिस को और सक्रिय करें और सिलसिलेवार सबूतों को सामने लाकर सीबीआइ का सहयोग करें, ताकि अपराधियों को गिरफ्तार करने में देरी नहीं हो. वह प्रधानमंत्री को दो बार पत्र लिखकर अपनी सक्रियता दिखाने का प्रयास कर रही हैं. लेकिन वह यह नहीं बता रही हैं कि इस तरह के मामलों में तुरंत न्याय दिलाने के लिए बननेवाला फास्ट ट्रैक कोर्ट का मामला अटका क्यों हैं.

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