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उपचुनाव के नतीजों के बाद तृणमूल में संगठनात्मक स्तर पर होंगे बड़े बदलाव!

राज्य में छह विधानसभा सीटों पर इस महीने हुए उपचुनाव के नतीजे आने के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में सांगठनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल होने की संभावना है. तृणमूल संगठन में फेरबदल की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है. सूत्रों के अनुसार, कैमक स्ट्रीट स्थित सांसद व तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के कार्यालय में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बक्शी की अहम बैठक हुई थी. पार्टी के संगठनात्मक बदलाव की सूची को लेकर दोनों शीर्ष नेताओं के बीच चर्चा हुई.

कोलकाता

. राज्य में छह विधानसभा सीटों पर इस महीने हुए उपचुनाव के नतीजे आने के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में सांगठनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल होने की संभावना है. तृणमूल संगठन में फेरबदल की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है. सूत्रों के अनुसार, कैमक स्ट्रीट स्थित सांसद व तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के कार्यालय में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बक्शी की अहम बैठक हुई थी. पार्टी के संगठनात्मक बदलाव की सूची को लेकर दोनों शीर्ष नेताओं के बीच चर्चा हुई. दोनों की रजामंदी के बाद बदलाव की फाइनल लिस्ट तैयार की गयी. लिस्ट को सुब्रत बक्शी द्वारा पार्टी प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सौंपे जाने की बात सामने आयी है. अंतिम फैसला तृणमूल सुप्रीमो ही लेंगी. संभावना है कि 23 नवंबर को छह विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव नतीजे आने के बाद पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की घोषणा किये जाने की संभावना है.

सूत्रों के मुताबिक, उत्तर बंगाल के कूचबिहार को छोड़ कर विभिन्न जिलों में तृणमूल कमेटी में बदलाव हो सकते हैं. कांथी, तमलुक, बिष्णुपुर, बैरकपुर, पुरुलिया, बारासात क्षेत्रों में भी कुछ अहम बदलाव देखने को मिल सकते हैं. संगठनात्मक दायित्व संभाल रहे कुछ सांसदों को भी उनकी जिम्मेवारी से मुक्त किया जा सकता है. तृणमूल के कुल 35 सांगठनिक जिलाें के अध्यक्षों में से 10-12 के पदों में फेरबदल किये जा सकते हैं. तृणमूल शासित कई नगरपालिकाओं के चेयरमैन भी बदले जा सकते हैं. लोकसभा चुनाव में जिन क्षेत्रों में तृणमूल को वोट नहीं मिला, वहां की नगरपालिकाओं के चेयरमैन पर गाज गिर सकती है.

सूत्रों का कहना है कि कम से कम 69 नगरपालिकाओं में नेतृत्व बदल सकता है, क्योंकि इन क्षेत्रों में भाजपा को तृणमूल से अधिक वोट मिले थे. हालांकि, फेरबदल में कुछ अन्य नगरपालिकाएं भी शामिल की जा सकती हैं, भले ही वहां इस साल तृणमूल का प्रदर्शन बेहतर रहा हो. हालांकि, कोलकाता नगर निगम (केएमसी) को इस संभावित फेरबदल से बाहर रखा जा सकता है, क्योंकि इस साल केएमसी के 144 वार्डों में से 48 में भाजपा को तृणमूल कांग्रेस से अधिक वोट मिले थे. फिर भी, चूंकि कोलकाता दक्षिण और कोलकाता उत्तर, दोनों लोकसभा सीटों पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार विजयी हुए, गत लोकसभा चुनाव में राज्य में जिन-जिन क्षेत्रों में तृणमूल का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा था, वहां पर पार्टी के जिम्मेदार नेताओं के कार्यों की समीक्षा का काम काफी पहले ही शुरू हो गया था. इस बारे में गत 21 जुलाई को महानगर में तृणमूल के शहीद दिवस की रैली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने जानकारी दी थी. श्री बनर्जी ने मंच से घोषणा की थी कि पार्टी के कार्यों को लेकर निष्क्रिय रहने वाले नेताओं को पद से हटा दिया जायेगा, जबकि जहां तृणमूल के लोकसभा चुनाव के नतीजे खराब रहे, वहां परिवर्तन किया जा सकता है.

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