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टॉक टू मेयर कार्यक्रम के दौरान अवैध निर्माण को लेकर डीजी पर भड़के मेयर

‘टॉक टू मेयर’ कार्यक्रम के दौरान शनिवार को कोलकाता नगर निगम मुख्यालय में मेयर फिरहाद हकीम बिल्डिंग विभाग के डायरेक्टर जनरल (डीजी) पर भड़क उठे. मेयर ने लगे हाथों डीजी को चेतावनी भी दे डाली. उन्होंने डीजी, बिल्डिंग को मामले में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. बता दें कि अवैध निर्माण के खिलाफ निगम जीरो टॉलरेंस के तहत कार्य कर रहा है.

कोलकाता.

‘टॉक टू मेयर’ कार्यक्रम के दौरान शनिवार को कोलकाता नगर निगम मुख्यालय में मेयर फिरहाद हकीम बिल्डिंग विभाग के डायरेक्टर जनरल (डीजी) पर भड़क उठे. मेयर ने लगे हाथों डीजी को चेतावनी भी दे डाली. उन्होंने डीजी, बिल्डिंग को मामले में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. बता दें कि अवैध निर्माण के खिलाफ निगम जीरो टॉलरेंस के तहत कार्य कर रहा है.

हालांकि, शनिवार को ‘टॉक टू मेयर’ कार्यक्रम में अवैध निर्माण को लेकर फिर एक व्यक्ति ने मेयर से फोन पर शिकायत की, जिसके बाद मेयर फिरहाद हकीम ने निगम के डीजी बिल्डिंग पर अपना गुस्सा निकाला. अवैध निर्माण गिराने को लेकर कोलकाता नगर निगम के अधिकारियों की उदासीनता पर मेयर ने कड़ा संदेश दिया.

बता दें कि मेयर खुद बिल्डिंग विभाग के मेयर परिषद के सदस्य हैं. शनिवार को ‘टॉक टू मेयर’ कार्यक्रम में मेयर से अवैध निर्माण नहीं ढहाये जाने के संबंध में एक व्यक्ति ने शिकायत की. शिकायत मिलने के बाद ही मेयर नाराज हो गये. शिकायतकर्ता ने फोन पर बताया कि वह 2022 में एक फ्लैट बुक किया था. वार्ड 67 के 3/1 आरके चटर्जी रोड इलाके में स्थित यह फ्लैट बाद में अवैध निकला. उस निर्माण को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट में केस दायर किया गया था. जस्टिस अमृता सिन्हा की बेंच ने तो निर्माण गिराने का आदेश भी दे दिया. लेकिन आरोप है कि बार-बार निर्माण तोड़ने की बात कहने के बावजूद अवैध छज्जों को नहीं तोड़ा गया. यह बात सुनकर मेयर ने डीजी, बिल्डिंग को मामले में स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया. डीजी ने बताया कि निगम के लॉ विभाग का कहना है कि निर्माण ध्वस्त करने का आदेश निचली अदालत ने खारिज कर दिया है, इसलिए कार्रवाई नहीं हो सकी.

यह सुनकर मेयर का पारा चढ़ गया. तब नाराज मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि इसीलिए लोग और मीडिया हम पर निशाना साधते हैं. आप कानून नहीं जानते. आपने मुझे अपनी कठिनाइयां क्यों नहीं बतायीं. लोग हमें ‘चोरपोरेशन’ कहते हैं. यह सुनकर अच्छा लगता है क्या. इसी अक्षमता के कारण हमें लोगों की खरी-खोटी सुननी पड़ती है. यदि आप निगम की प्रतिष्ठा लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं, तो पहले आपको काम करना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसी कोई घटना उनके सामने आती, तो वह पुलिस कमिश्नर से इमारत को तोड़ने का निर्देश देता. उन्होंने कहा कि कोई भी अवैध निर्माण कोलकाता नगर निगम के मुंह पर तमाचा है.

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