माणिक ने स्पीकर से मांगा बकाया वेतन
शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य को 23 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है.
23 महीने का वेतन है बकाया
संवाददाता, कोलकाताशिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य को 23 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है. ऐसे में जेल में रहते हुए उन्हें वेतन क्यों नहीं मिला, इसका वह कारण जानना चाहते हैं. तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य ने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से संपर्क किया था. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जेल में रहने के दौरान भी तृणमूल विधायक ने इस संबंध में कई बार स्पीकर बिमान बनर्जी को पत्र लिखे थे. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष ने तृणमूल विधायक के आवेदन पर मंगलवार को सुनवाई की. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्पीकर ने इस सुनवाई के बाद भी उनके रोके गये वेतन को जारी करने के संबंध में कोई आश्वासन नहीं दिया है.बिमान बनर्जी ने इस मामले में सुनवाई लंबित रखी है. विधानसभा सूत्रों के अनुसार, अध्यक्ष ने इस मामले पर राज्य के महाधिवक्ता से सलाह मांगी थी.
वहीं, राज्य के महाधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों का अवलोकन करने के बाद एक विशेष नोट स्पीकर को सौंप दिया है.ऐसे में देखना यह है कि आने वाले दिनों में माणिक भट्टाचार्य के बकाया वेतन का भुगतान किया जाता है या नहीं. माणिक भट्टाचार्य को 11 अक्तूबर 2022 को शिक्षा भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें 12 सितंबर, 2024 को जेल से रिहा किया गया. वह 23 महीने जेल में थे. केंद्रीय जांच एजेंसी शिक्षा भ्रष्टाचार के कारण पहले ही उनके कई खाते जब्त कर चुकी हैं. ऐसे में सुनवाई के दौरान तृणमूल विधायक भी अध्यक्ष के सामने उपस्थित थे.
सुनवाई करीब 20 मिनट तक चली. इस दौरान उन्होंने तर्क दिया कि उन्हें 23 महीने का बकाया वेतन मिलना चाहिए. बता दें कि माणिक भट्टाचार्य को वर्तमान में लगभग लाखों रुपये का विभागीय भत्ता विधानसभा से मिलता है, जिसमें विधानसभा की स्थायी समिति की बैठकों में उपस्थिति भत्ता भी शामिल है. हालांकि, फिलहाल इस बात की संभावना कम है कि बकाया वेतन का भुगतान किया जाये, क्योंकि बिमान बनर्जी ने अभी तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है. हालांकि, विधानसभा ने उनके मेडिकल बिलों की भी समीक्षा की है, जो उन्होंने जेल में रहते हुए विधानसभा में प्रस्तुत किये थे. इसकी पुष्टि जेल अधिकारियों द्वारा भी की गयी है, जिसका विधानसभा की ओर से भुगतान किया जायेगा.परिणामस्वरूप, विधायक को जेल में रहते हुए बाहर से खरीदी गयीं दवाओं या जेल द्वारा वहन न किये जा सकने वाली चिकित्सा व्यय के लिए धनराशि प्राप्त होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है