मैनुअल लेवल क्रॉसिंग से लगता है जाम, जल्दबाजी में जाती है जान

क्षिण पूर्व रेलवे के हावड़ा- सांतरागाछी स्टेशन के बीच कई जगहों पर अब भी मैनुअल लेवल क्रॉसिंग होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 16, 2024 1:22 AM

मैंने इस मुद्दे को संसद में उठाया है, इसका निवारण जल्द हो : सांसद

कुंदन झा, हावड़ा

दक्षिण पूर्व रेलवे के हावड़ा- सांतरागाछी स्टेशन के बीच कई जगहों पर अब भी मैनुअल लेवल क्रॉसिंग होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मैनुअल लेवल क्रॉसिंग से वाहनों की लंबी लाइन लगती है. जानकारी के अनुसार, हावड़ा से सांतरागाछी स्टेशन के बीच बक्सरा, पद्दपुकुर, बेतोर, शालीमार के अलावा अन्य स्टेशनों के पास मैनुअल लेवल क्रॉसिंग अब भी है. जाम लगने का मुख्य कारण इन लेवल क्रॉसिंग पर अब तक ओवरब्रिज व अंडरपास का नहीं बन पाना है. इसके कारण लोगों को रोज जाम का सामना करना पड़ता है. रेलवे क्रॉसिंग पर लोकल, मालगाड़ी और मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों को निकालने के लिए लंबे समय तक फाटक बंद होने के वाहनों की लंबी कतारें लगती हैं. जल्दबाजी के चक्कर में लोग फाटक बंद होने के बावजूद जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन पार करते हैं. यही वजह है कि अक्सर जल्दबाजी में लोग ट्रेन की चपेट में आ जाते हैं और उनकी जान चली जाती है. शनिवार को भी पद्दोपुकुर स्टेशन पर लेवल क्रॉसिंग पार करने के दौरान आइटी कंपनी की इंजीनियर अंकिता पात्रा की मौत हो गयी थी. हालांकि उसने इयर फोन लगा रखा था.

वहीं, शनिवार को हुई इस घटना पर हावड़ा के सांसद प्रसून बनर्जी ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि वह अक्सर मैनुअल लेवल क्रॉसिंग पर ट्रेन की चपेट में आने से लोगों की मौत होने की खबर सुनते हैं. निश्चित तौर पर रेलवे इसके लिए सीधे जिम्मेवार नहीं है, क्योंकि फाटक बंद होने के बाद भी लोग रेलवे लाइन पार करते हैं. तृणमूल सांसद ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उन्होंने कई बार संसद में आवाज उठायी है. रेल मंत्रालय से गुहार लगायी है कि राज्य सरकार के साथ बैठक कर इसका उपाय निकाले. उन्होंने कहा कि लेवल क्रॉसिंग के पास अंडरपास व ओवर ब्रिज बन जाने से ट्रेन की चपेट में लोग नहीं आयेंगे और ट्रैफिक जाम भी नहीं लगेगा. उन्होंने केंद्र से अपील की है कि अगर ओवरब्रिज व अंडरपास बनाने में कोई परेशानी है, तो इसका जिम्मा राज्य सरकार को सौंपा जाये. आखिर केंद्र की लापरवाही से और कितने लोग ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान देंगे.

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