जूट बोरियों की लागत पूंजी पर मिलों को 8.19% मिलेगा रिटर्न

अधिकारी ने कहा कि जूट मिलों को उत्पादन लागत मूल्य में उतार-चढ़ाव की परवाह किए बगैर निवेश की गयी पूंजी पर लाभ का पूर्व-निर्धारित प्रतिशत हासिल होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | January 7, 2025 12:41 AM

कोलकाता. कपड़ा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत नये मूल्य निर्धारण ढांचे के तहत भारतीय जूट मिलों को खाद्यान्न पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाली जूट बोरियों की लागत पूंजी पर 8.19 प्रतिशत रिटर्न (प्रतिफल) मिलेगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि जूट मिलों को उत्पादन लागत मूल्य में उतार-चढ़ाव की परवाह किए बगैर निवेश की गयी पूंजी पर लाभ का पूर्व-निर्धारित प्रतिशत हासिल होगा. जूट बोरी के लिए नया मूल्य निर्धारण फॉर्मूला सितंबर 2016 की तारीख से पूर्व-व्यापी प्रभाव से लागू होगा. जूट आयुक्त मलय चंदन चक्रवर्ती ने कहा : मूल्य निर्धारण प्रणाली के सभी पहलुओं को देखते हुए जूट मिलों को बोरियों में मौजूदा मूल्य संशोधन से कुल लाभ पर छह-आठ प्रतिशत असर पड़ने का अनुमान है. नये ढांचे के तहत पूंजी पर रिटर्न 8.19 प्रतिशत के संशोधित मानदंड में स्थानांतरित हो गया है. इसके अलावा रिटर्न नीति में किये गये बदलाव भी मिलों के पक्ष में हैं. जूट आयुक्त कार्यालय का अनुमान है कि शुल्क आयोग की सिफारिशों के बाद नयी मूल्य निर्धारण नीति में किये गये विभिन्न संशोधनों को ध्यान में रखें तो मूल्य निर्धारण लाभ छह से आठ प्रतिशत के बीच होगा. हालांकि, भारतीय जूट मिल संघ के मुताबिक, नये मूल्य निर्धारण फॉर्मूले के चलते जूट बोरी आपूर्ति की कीमत में केवल चार-पांच प्रतिशत की ही वृद्धि होगी. जूट मिल संघ के राघवेंद्र गुप्ता ने कहा कि मूल्य निर्धारण बहुत सारे बिंदुओं पर आधारित है और कच्चे जूट की कीमतों जैसे कई कारकों पर निर्भर करेगा. हालांकि, मूल्य निर्धारण संशोधन से मिलों को चार-पांच प्रतिशत की सीमा में लाभ होगा. केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने हाल ही में कहा था कि नयी जूट कीमतों से लगभग चार लाख जूट मिल श्रमिकों और 40 लाख किसान परिवारों को भी लाभ होगा. उन्होंने इस साल जूट उत्पादों की बिक्री 14,000 करोड़ रुपये से अधिक रहने की भी उम्मीद जतायी थी.

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