संवाददाता, दिल्ली/कोलकाता मशहूर फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ‘दादा साहेब फाल्के’ पुरस्कार से सम्मानित किये जायेंगे. सिनेमा के क्षेत्र में मिथुन चक्रवर्ती के उल्लेखनीय योगदान के लिए सरकार ने सोमवार को उन्हें ‘दादा साहेब फाल्के’ पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर यह घोषणा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिए चुने जाने की घोषणा पर खुशी व्यक्त करते हुए उन्हें एक सांस्कृतिक दूत बताया. मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा: प्रसन्नता है कि मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा में उनके अद्वितीय योगदान के लिए प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गयी है. वह एक सांस्कृतिक आदर्श हैं और उनकी बहुमुखी प्रतिभा के लिए उन्हें पीढ़ियों से सराहा जाता रहा है. उन्हें बधाई और शुभकामनाएं.
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि चक्रवर्ती की शानदार सिनेमाई यात्रा ‘पीढ़ियों को प्रेरित’ करती है. मंत्री ने पोस्ट में कहा: यह घोषणा करते हुए गौरव महसूस हो रहा है कि ‘दादा साहेब फाल्के’ चयन समिति ने मशहूर अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए यह पुरस्कार देने का फैसला किया है. चक्रवर्ती (74) ने कहा कि जब उन्हें यह खबर मिली तो उनके दिमाग में भोजन और सिर छुपाने के शुरुआती संघर्ष के दिनों सहित जीवन की अब तक की तमाम यादें ताजा हो गयीं. उन्होंने कहा: मेरे पास शब्द नहीं हैं. यह ऐसा अवसर है जिसने अतीत की यादें ताजा कर दीं. मैं कोलकाता से मुंबई गया था. मुंबई में मेरे पास खाना नहीं था और कभी-कभी मुझे पार्क में भी सोना पड़ा. ये सारी चीजें मुझे याद आने लगीं. इन तमाम चीजों के बाद आपको यह सम्मान मिलता है. मैं निशब्द हूं. तीन सदस्यीय निर्णायक मंडल ने चक्रवर्ती को इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चुना. निर्णायक मंडल में पूर्व दादा साहेब पुरस्कार विजेता आशा पारेख, अभिनेता-राजनेता खुशबू सुंदर और फिल्म निर्माता विपुल अमृतलाल शाह शामिल थे.मिथुन ने ‘मृगया’ से की अभिनय की शुरुआत
मृणाल सेन की 1976 में आयी फिल्म ‘मृगया’ से चक्रवर्ती ने फिल्मों में अभिनय की शुरुआत की थी जिसके लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता था. उन्होंने 1992 की फिल्म ‘तहादेर कथा’ (सर्वश्रेष्ठ अभिनेता) और 1998 की फिल्म ‘स्वामी विवेकानंद’ (सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता) के लिए भी दो और राष्ट्रीय पुरस्कार जीते. उन्होंने ‘सुरक्षा’, ‘डिस्को डांसर’ और ‘डांस-डांस’ जैसी फिल्मों में शानदार भूमिका निभायी. पूर्व राज्यसभा सदस्य चक्रवर्ती 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये थे. वर्ष 2023 में वहीदा रहमान को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.‘पद्म भूषण’ पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की घोषणा से कुछ महीने पहले ही चक्रवर्ती को भारत सरकार के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया था. चक्रवर्ती का वास्तविक नाम गौरांग चक्रवर्ती है. वह भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान, पुणे (एफटीआइआइ) के छात्र रह चुके हैं. उन्होंने हिंदी और बांग्ला सिनेमा में प्रमुखता से काम किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है