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विधायक को कार से खींच कर किया हमला, आरोप पार्टी कार्यकर्ताओं पर ही

संदेशखाली से तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुकुमार महतो पर हमले की घटना के बाद गुरुवार की रात हाड़ोवा में मिनाखां की तृणमूल विधायक उषारानी मंडल पर भी हमला हुआ.

By Prabhat Khabar News Desk | November 2, 2024 1:33 AM

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर!

हाड़ोवा की घटना

संवाददाता, बशीरहाट

संदेशखाली से तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुकुमार महतो पर हमले की घटना के बाद गुरुवार की रात हाड़ोवा में मिनाखां की तृणमूल विधायक उषारानी मंडल पर भी हमला हुआ. उनकी कार को लक्ष्य कर ईंटें फेंकी गयीं. कथित तौर पर उन्हें कार से उतार कर उन्हें और उनके पति मृत्युंजय मंडल पर हमले किया गया. दोनों जख्मी हैं. हमले में तृणमूल विधायक के पांच समर्थक भी जख्मी हुए हैं. तृणमूल विधायक के पति ने हाड़ोवा पंचायत समिति के उपाध्यक्ष व तृणमूल नेता अब्दुल खालेक मोल्ला व उनके समर्थकों पर आरोप लगाया है. मोल्ला ने आरोप लगाया है कि तृणमूल विधायक ने अपने पति मृत्युंजय मंडल के नेतृत्व में पंचायत प्रधान के घर पर हमला व गोलीबारी की है. मृत्युंजय उत्तर 24 परगना जिला परिषद के परिषदीय नेता है. घटना के बाद तृणमूल में गुटबाजी खुल कर सामने आ गयी है. इधर, गुरुवार रात ही संदेशखाली के तृणमूल विधायक सुकुमार महतो की गाड़ी पर भी हमले की घटना हुई थी. माना जा रहा है कि श्री महतो पर हुआ हमला भी पार्टी में गुटबाजी का ही परिणाम है.

विधायक पर लोगों की जमीन हड़पने का आरोप

बताया जा रहा है कि तृणमूल विधायक पर हमला कथित तौर पर किसानों की जमीन हड़पने को लेकर हुआ है. हालांकि विधायक ने इस आरोप से इंकार किया है. उनके व उनके पति के खिलाफ मिनाखां-शंकरपुर व कुलटी ग्राम पंचायत के कमारगती मौजा के करीब ढाई हजार बीघे जमीन हड़पने का आरोप है. स्थानीय निवासी शुभेंदु मंडल और शक्ति शंकर गाइन का दावा है कि तृणमूल विधायक के पति उन जमीनों को 40-50 हजार रुपये प्रति बीघे के हिसाब से बिक कर रहे हैं, लेकिन जिनकी जमीन है, वे उससे वंचित हैं. इसे लेकर धमकी भी दी जाती रही है.

सीएम ने भी दी थी तृणमूल की विधायक को कड़ी चेतावनी मालूम हो कि हाड़ोवा में तृणमूल में गुटबाजी कोई नयी बात नहीं है. इससे पहले भी उषारानी मंडल पर भाजपा से करीब होने का आरोप लगा था. गत 25 मई को लोकसभा चुनाव के प्रचार में बशीरहाट में ममता की सभा में तृणमूल विधायक की अनुपस्थिति को लेकर ममता ने सवाल उठाते हुए कहा था कि आप तृणमूल के विधायक भी बने रहेंगे और मीटिंग में भी नहीं आयेंगे, ऐसा नहीं चलेगा. सीएम ने मिनाखां की िवधायक को चेतावनी देते हुए कहा था कि जब तक वह पैर पकड़ कर क्षमा नहीं मांगतीं, तब तक पार्टी का उनसे कोई संबंध नहीं रहेगा.

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