हावड़ा के जयपुर में हुई व्यवसायी की हत्या की गुत्थी सुलझी
ग्रामीण हावड़ा के जयपुर में हुई व्यवसायी गणेश चंद्र दास की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है.
संवाददाता, हावड़ा.
ग्रामीण हावड़ा के जयपुर में हुई व्यवसायी गणेश चंद्र दास की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. शनिवार को संवाददाता सम्मेलन कर इसकी जानकारी ग्रामीण हावड़ा पुलिस के एडिशनल एसपी डॉ जार्ज जॉन ने दी. उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक पद्धति से इस मामले को सुलझाना संभव हो सका. इस मामले में युवती नवनीता दास और उसके मामा सुकल्याण मल्लिक को गिरफ्तार किया गया था. दोनों आरोपियों पर आइपीसी की धारा 363, 365, 506 और 34 के तहत मामला दर्ज कर पुलिस मामले की जांच में जुटी. श्री जार्ज ने बताया कि पुलिस को व्यवसायी का शव नहीं मिला था. एक नहर के पास से सिर्फ हड्डियां मिली थीं. शव की शिनाख्त के लिए मृतक के मां और भाई का डीएनए टेस्ट कराया गया. डीएनए रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई कि घटनास्थल से मिलीं हड्डियां गणेश चंद्र दास की ही थीं. इसके बाद फॉरेंसिक विभाग की मदद ली गयी. फॉरेंसिक विभाग ने भी रिपोर्ट सौंपी. घटनास्थल से मिले सबूत, हाथों के निशान से यह साफ हो गया कि मामा-भांजी ने मिलकर ही व्यवसायी की हत्या की थी. पुलिस ने सारे सबूतों के साथ इस घटना की चार्जशीट कोर्ट में जमा कर दी है.
क्या है घटना : पेशे से स्वर्ण व्यवसायी गणेश दास और नवनीता दास के बीच दोस्ती थी. नवनीता ने गणेश से तीन लाख रुपये उधार लिये थे. गणेश रुपये लौटाने के लिए कह रहा था कि लेकिन नवनीता बार-बार टाल रही थी. इसी बीच नवनीता ने गणेश की हत्या करने की साजिश रची. उसने गणेश को जयपुर स्थित अपने मामा के घर बुलाया और मामा के साथ मिलकर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. शव को एक बोरे में डालकर नहर में फेंक दिया. उधर, गणेश के घर वापस नहीं आने पर परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज करायी. पुलिस जांच में उतरी और मामा-भांजी को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में दोनों ने पुलिस को बताया कि शव को नहर में फेंक दिया था. काफी दिनों तक तलाशी अभियान चलाने के बाद पुलिस को नहर के पास से मानव हड्डियां मिलीं.
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