लॉकडाउन में मरीजों को टेलीफोनिक परामर्श दे रहा नेशनल मेडिको ऑर्गेनाइजेशन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंद्ध चिकित्सों के संगठन नेशनल मेडिको ऑर्गेनाइजेशन (नमो) जरूरतमंद मरीजों व उनके परिजनों को टेलीफोनिक परामर्श दे रहा है. अभी तक लगभग 3000 मरीजों को परामर्श दिया जा चुका है. नेशनल मेडिको ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष डॉ प्रभात सिंह ने बताया कि फिलहाल ज्यादातर अस्पतालों (निजी व सरकारी) के आउडडोर बंद हैं. डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं.
कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंद्ध चिकित्सों के संगठन नेशनल मेडिको ऑर्गेनाइजेशन (नमो) जरूरतमंद मरीजों व उनके परिजनों को टेलीफोनिक परामर्श दे रहा है. अभी तक लगभग 3000 मरीजों को परामर्श दिया जा चुका है. नेशनल मेडिको ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष डॉ प्रभात सिंह ने बताया कि फिलहाल ज्यादातर अस्पतालों (निजी व सरकारी) के आउडडोर बंद हैं. डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं.
Also Read: Coronavirus Pandemic: बोले बंगाल के राज्यपाल, हालात बहुत गंभीर है, ममता बनर्जी ध्यान दें
उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संघ के निर्देश को मानते हुए चयनित अस्पतालों की आपातसेवा काम कर रही हैं. इस कारण मरीजों व उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उनकी परेशानी को ध्यान में रखते हुए नमो ने टेलीफोन के माध्यम से चिकित्सकीय सलाह देना शुरू किया है. यह सलाह एक अप्रैल से दी जा रही है. राज्य के प्रत्येक जिले में नमो की दो से चार टीम है. यह शाम को आठ बजे से नौ बजे तक निर्धारित मोबाइल नंबर पर फोन करने पर चिकित्सकीय सलाह देती है.
संगठन से जुड़े लगभग 100 डॉक्टर निरंतर यह सेवा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक नमो की टीम ने लगभग तीन हजार मरीजों को सलाह दे चुकी है तथा जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती है, तो यह जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही वर्तमान में रक्त की कमी हो गयी है. नमो की ओर से तीन रक्तदान शिविर के भी आयोजन किये गये हैं. वे लोग विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं कि उनके इलाके में कौन क्लीनिक व लैब आदि खुले हैं.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही समाजसेवा भारती के तत्वावधान में जरूरतमंद व गरीब लोगों को प्रत्येक दिन विभिन्न इलाके में भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है. उनमें भोजन वितरित किया जा रहा है, ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहे. डॉ सिंह ने बताया कि वे लोग सोशल मीडिया के माध्यम से कोरोना से बचने को लेकर जागरूकता संदेश भी दे रहे हैं. इस बाबत वीडियो मैसेज भी तैयार किया गया है, जिन्हें फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम व ट्वीटर के माध्यम से लोगों तक पहुंचा जा रहा है.