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””जल स्वप्नो योजना”” के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं : सीएम

पानी की चोरी व दुरुपयोग रोकने को लेकर सख्त हुई राज्य सरकार

योजना के लिए अब नहीं होगा अग्रिम भुगतान काम पूरा करने के बाद ही ठेकेदारों को मिलेंगे रुपये लापरवाही के लिए 23 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार ने अगले छह महीने के अंदर राज्य के प्रत्येक घर में नल से जल पहुंचाने के लिए ””””जल स्वप्नो योजना”””” को क्रियान्वित करने को कहा है. हालांकि, इस योजना के क्रियान्वयन में कई जिलों से शिकायतें सामने आ रही हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर योजना के क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि योजना के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने योजना के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की देरी या अनियमितता होने पर परियोजना के तहत अग्रिम भुगतान बंद करने का निर्देश दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक कार्य पूरा होने की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक कोई पैसा नहीं दिया जायेगा. इसके अलावा, उन्होंने सवाल किया कि एक ठेकेदार को कई कार्यों का आवंटन क्यों किया गया. इसे लेकर मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी दी, साथ ही 23 अधिकारियों को शोकॉज किये जाने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि योजना के क्रियान्वयन में देरी व बेनियम के आरोपों को लेकर इन 23 अधिकारियों से जवाब मांगा गया है. इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम, बिजली मंत्री अरूप विश्वास, ग्रामीण विकास मंत्री प्रदीप मजूमदार, सिंचाई मंत्री मानस रंजन भुईंया, पीएचई मंत्री पुलक रॉय, मुख्य सचिव मनोज पंत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएचई विभाग के साथ बैठक में जलस्वप्नो परियोजना के क्रियान्वयन में देरी पर गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने कहा कि अब तक पानी की चोरी, दुरुपयोग सहित अन्य को लेकर कुल 11,200 शिकायतें प्राप्त हुई हैं और 500 एफआइआर दर्ज की गयी है. इसके बाद उन्होंने पीएचई विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते पूछा कि एक ठेकेदार को एक से अधिक काम क्यों सौंपा गया? अब तक पंप ऑपरेटरों की नियुक्ति क्यों नहीं की गयी? इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कई जगहों पर बिना किसी सर्वे के पानी की पाइप लगा दी गयी है, लेकिन वहां के नलों से पानी नहीं जा रहा है. उन्होंने यह भी शिकायत की कि कई अधिकारियों ने ठेकेदारों से हाथ मिला लिया है, जिसकी वजह से योजना के क्रियान्वयन में देरी हो रही है.

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