26 हजार नियुक्तियां रद्द होने के मामले में फैसला नहीं

राज्य में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के माध्यम से हुईं 26 हजार नियुक्तियां रद्द करने के मामले में बुधवार को भी कोई फैसला नहीं आया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 16, 2025 2:15 AM

27 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

समय की कमी के कारण पूरी नहीं हो पायी सुनवाई

संवाददाता, कोलकाता

राज्य में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के माध्यम से हुईं 26 हजार नियुक्तियां रद्द करने के मामले में बुधवार को भी कोई फैसला नहीं आया. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ पर मामले की सुनवाई हुई, लेकिन समय की कमी के कारण मामले की सुनवाई पूरी नहीं हुई. बुधवार को हुई सुनवाई में वैध और अवैध तरीके से नौकरी पानेवाले अभ्यर्थियों को अलग-अलग करना संभव नहीं हो पाया, जिसकी वजह से 26 हजार अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में अटक गया है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए अब 27 जनवरी का दिन तय किया है. गौरतलब है कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई तय समय पर शुरू हुई. हालांकि, कोर्ट ने कहा कि समय की कमी के कारण आज पूरे मामले की सुनवाई नहीं की जायेगी. हालांकि, वकीलों के अनुरोध पर जज आखिरकार मामले की सुनवाई के लिए राजी हो गये. मामले की सुनवाई के पहले चरण में ग्रुप सी श्रेणी में नौकरी प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के वकील ने वैध और अवैध नौकरी चाहनेवालों को अलग-अलग करने के लिए जांच कराने का अनुरोध किया. अदालत में अपनी दलील रखते हुए उन्होंने कहा कि अनियमितताओं के कारण पात्र उम्मीदवारों को वंचित नहीं किया जाना चाहिए. इस नियुक्ति प्रक्रिया में वैध रूप से नियुक्त लोगों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही नौवीं-दसवीं और ग्रुप डी श्रेणी के अभ्यर्थियों के वकील मुकुल रोहतगी ने हाइकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाना शुरू कर दिया. उन्होंने अदालत के समक्ष कहा कि वास्तविक ओएमआर शीट नहीं है और इसकी स्कैन कॉपी भी नहीं मिल पा रही है. इस पर प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि यह पता लगाना जरूरी है कि कितने लोगों को अवैध तरीके से नौकरियां मिली हैं. गौरतलब है कि इससे पहले कलकत्ता हाइकोर्ट ने 2016 में एसएससी के माध्यम से की गयी नियुक्तियाें के पूरे पैनल को रद्द कर दिया है. हाइकोर्ट के इस फैसले से राज्य करीब 26 हजार शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों की नौकरियों का भविष्य अधर में अटक गया है. कलकत्ता हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए राज्य सरकार, एसएससी और अभ्यर्थियों के एक वर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर बुधवार को शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई. हालांकि समय की कमी के कारण आज सुनवाई नहीं हो पायी. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी और इस दिन सीबीआइ, राज्य सरकार व पैनल को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर करने वाले वकील विकास रंजन भट्टाचार्य अपना पक्ष रखेंगे.

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