22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोई भी कानून से ऊपर नहीं : अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक

चर्चा का विषय था: ''''प्रवर्तकों और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के बीच विचारों का आदान-प्रदान'''', यानी कानून लागू करनेवालों और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ विचारों का आदान-प्रदान पुलिस दिवस पर पश्चिम मेदिनीपुर में पत्रकारों के साथ विचारों के आदान-प्रदान का कार्यक्रम आयोजित किया गया.

जीतेश बोरकर, खड़गपुर

पुलिस दिवस पर रविवार की देर शाम पश्चिम मेदिनीपुर जिला पुलिस ने खड़गपुर ग्रामीण के रूपनारायणपुर इलाके में पुलिस व मीडिया के बीच परिचर्चा का आयोजन किया गया. चर्चा का विषय था: ””””प्रवर्तकों और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के बीच विचारों का आदान-प्रदान””””, यानी कानून लागू करनेवालों और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ विचारों का आदान-प्रदान पुलिस दिवस पर पश्चिम मेदिनीपुर में पत्रकारों के साथ विचारों के आदान-प्रदान का कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिला पुलिस अधीक्षक धृतिमान सरकार इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे. बैठक में एसपी समेत जिला पुलिस के कई अधिकारी और मीडिया के कई प्रतिनिधि मौजूद थे. देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में कानून, पुलिस, प्रेस आदि को स्तंभ बताया गया है. हालांकि, कोई भी स्तंभ कानून से ऊपर नहीं है, ऐसी बात चर्चा में आयी. सोशल मीडिया पर फेक न्यूज को लेकर भी चर्चा हुई. फर्जी खबरों का मुकाबला कैसे किया जाये, इस पर चर्चा के अलावा पत्रकारों के साथ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराओं पर भी चर्चा की गयी. सामूहिक पिटाई, आत्महत्या, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, सरकारी संपत्ति को नष्ट करने सहित कई मुद्दे थे. पुलिस अधीक्षक धृतिमान सरकार ने कहा : यह पहली बार है कि पुलिस दिवस पर इस तरह का अनोखा कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस चर्चा से कई सकारात्मक पहलू सामने आये. मीडिया प्रतिनिधियों से कई सुझाव प्राप्त हुए हैं. पुलिस का काम धन्यवाद रहित काम है. पुलिस को सब काम करना पड़ता है. लेकिन पुलिसकर्मी को ही लोग गाली देते हैं. वह ढोल की तरह बजता है. इधर से भी और उधर से भी. पुलिस को कई विपरीत परिस्थितियों में भी काम करना पड़ता है. पुलिसकर्मियों की संख्या कम है. मौके पर पहुंचने से पहले बहुत-सी चीजें होती हैं. सवाल उठता है कि पुलिस देर से क्यों आयी? मीडिया को भी किसी भी खबर को परोसने से पहले उसकी सच्चाई की पुष्टि करनी चाहिए.

खड़गपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप सेन ने कहा : कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, चाहे वह पहला, दूसरा या तीसरा स्तंभ हो. लेकिन किसी भी आरोपी के पास मौलिक अधिकार होते हैं, इसलिए उसे तुरंत गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. तिलोत्तमा के मामले में कई लोगों ने सवाल उठाया है कि यूडी क्यों है? एफआइआर नहीं है? दरअसल, अप्राकृतिक मौत के किसी भी मामले में अप्राकृतिक मौत का मुकदमा दायर करना पड़ता है. संसद कानून बनाती है और पुलिस का काम उन कानूनों को लागू करना और उनकी जांच करना है. उपस्थित मीडिया के प्रतिनिधियों ने भी फेक न्यूज या गलत न्यूज रिपोर्टिंग पर आपत्ति जतायी. फेसबुक, वाट्सएप, यूट्यूब जैसे कई सोशल मीडिया चैनल हैं, जिन पर सरकार का नियंत्रण नहीं है. इन्हें रोकने के लिए दिशानिर्देश बहुत महत्वपूर्ण हैं. तभी फेक न्यूज पर लगाम लग पायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें