कहा- मरीज की हालत थी गंभीर, उसे बचाने की हर संभव कोशिश की गयी थी
संवाददाता, कोलकाताआरजी कर कांड के बाद लगातार आंदोलन कर रहे डाॅक्टरों की वजह से बिना इलाज के एक रोगी की मौत हो गयी. इस तरह का आरोप लगा कर एक वर्ग लगातार आवाज बुलंद करने लगा है. खुद इस संदर्भ में तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने पोस्ट किया है. स्थिति को देखते हुए आरजी कर अस्पताल के अधीक्षक (सुपर) सप्तर्षि चट्टोपाध्याय ने आरोप को निराधार बताया है. उन्होंने इस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया. सुपर ने कहा कि रोगी के अस्पताल में आने से लेकर मौत के पहले तक अस्पताल की ओर से जिस तत्परता से उसका इलाज किया गया, वे सभी तथ्य उनके पास हैं. उन्होंने बताया कि रोगी के भर्ती होने से लेकर मौत तक कुल तीन घंटे के दौरान क्या इलाज हुए, उसका ब्योरा उनके पास है. किसी को चाहिए, तो वह देने को भी तैयार हैं. सुपर ने आश्वस्त किया कि अगर कोई रोगी इलाज के लिए आरजी कर अस्पताल आयेगा, तो उसका पूरा इलाज किया जायेगा.तीन घंटे तक डॉक्टरों की टीम ने किया इलाज
उन्होंने कहा कि जिस रोगी को लेकर सवाल उठ रहे हैं, वह गंभीर हालत में सुबह 8.40 बजे भर्ती हुआ था. उसे दूसरे अस्पताल से रेफर किया गया था. हमारे दक्ष अस्थि रोग विशेषज्ञ व ट्रॉमा केयर टीम के सीनियर चिकित्सकों ने उसका इलाज शुरू किया था. उसका डिजिटल एक्स रे किया गया. नियम के मुताबिक जो चिकित्सा सेवा उसे मिलनी चाहिए थी, वह दी गयी. उसके सिर पर चोट लगी थी. इसके बाद जब सीटी स्कैन करने ले जाया गया, तो उसके मस्तिष्क में समस्या शुरू हुई. तकरीबन तीन घंटे तक डॉक्टरों की टीम इलाज में जुटी रही. इसका प्रमाण उनके पास है. चूंकि यह मामला पुलिस का है, इसलिए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारण का पता चल सकेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है