उपचुनाव को केंद्र कर भय दिखाने के लिए भेजा गया नोटिस, लेकिन डरने वाला नहीं
उन्होंने कहा कि यह सब उपचुनाव को केंद्र कर डराने के लिए नोटिस भेजा गया है.
भाटपाड़ा. भाटपाड़ा नगरपालिका में आर्थिक धोखाधड़ी के मामले की जांच कर रही सीआइडी द्वारा बैरकपुर के पूर्व सांसद व भाजपा नेता अर्जुन सिंह को 12 नवंबर को भवानी भवन तलब किये जाने के मामले में श्री सिंह ने राज्य की सत्तारूढ़ दल पर जमकर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि यह सब उपचुनाव को केंद्र कर डराने के लिए नोटिस भेजा गया है. लेकिन वह इससे डरने वाले नहीं हैं. उन्होंने इस मामले को लेकर हाइकोर्ट जाने की भी चेतावनी दी. गौरतलब है कि अर्जुन सिंह 2010 से 2019 तक तृणमूल परिचालित बोर्ड में भाटपाड़ा नगरपालिका के चेयरमैन थे. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हुए थे. उसके बाद नगरपालिका में चार करोड़ रुपये के टेंडर भ्रष्टाचार का आरोप आया. सीआइडी की आर्थिक अपराध दमन शाखा ने इस मामले की जांच शुरू की. मामले में अर्जुन सिंह को भी नोटिस भेजा गया है. भाटपाड़ा नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन होने के कारण अर्जुन सिंह को गवाह के तौर पर उनका बयान लेने के लिए यह नोटिस भेजा गया है. अर्जुन सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार आखिर इतने सालों तक क्या कर रही थी, जो अचानक नोटिस भेजा गया, यह वास्तव में उपचुनाव को केंद्र कर परेशान करने व भय दिखाने को भेजा गया है. पहले तृणमूल में था, तो ठीक और अभी खराब हो गया. यह पुलिस के जरिये सरकार चला रही है. यहां रास्ते के पेड़ काट कर बेच दिये जा रहे हैं. तालाब पाट दिये जा रहे हैं. फर्जी मामलाें में फंसा कर गिरफ्तार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उपचुनाव को केंद्र कर चार साल बाद नोटिस भेजा गया. वास्तव में तृणमूल के पैरों तले जमीन खिसक गयी है, इसलिए वह ऐसा कर रही है. तृणमूल की सरकार समझ रही है कि उन्हें बुलाकर परेशान कर उपचुनाव को प्रभावित किया जा सकता है, लेकिन यह उनकी गलतफहमी है, क्योंकि राज्य की जनता तृणमूल सरकार के खिलाफ है. लोग इस सरकार को पसंद नहीं करते.
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