Kolkata Docor Murder Case: कोलकाता डॉक्टर हत्याकांड मामले में अब संजय रॉय की पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की तैयारी में सीबीआई है.अब आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफी टेस्ट होगा. इस टेस्ट को साइकोलॉजीकल ऑटोप्सी कहते हैं. इससे अपराधी के दिमाग की साइकोलॉजी के बारे में पता चलता है. इस तरह के टेस्ट में सीबीआई के कुछ डॉक्टरों की एक सीएफएसएल टीम पॉलीग्राफी टेस्ट करती है. कोलकाता के इस हत्याकांड के मामले में भी सीबीआई संजय राय से कुछ सवाल करेगी. सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने रविवार को राय का साइकोलॉजिकल टेस्ट (मनोवैज्ञानिक परीक्षण) की प्रक्रिया शुरू कर दी थी.
रविवार को राय का साइकोलॉजिकल टेस्ट की प्रक्रिया हुई थी शुरु
इसके लिए सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) के पांच विशेषज्ञों की टीम भी कोलकाता पहुंच गयी है. विशेषज्ञ वे राय से कुछ सवाल करेंगे, जिसके लिए सवालों की एक फेहरिस्त तैयार की जा चुकी है.असल में इस टेस्ट को साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी भी कह सकते हैं. इससे पता चलता है कि आरोपी के दिमाग में क्या चल रहा है.इस टेस्ट के लिए सीबीआइ को किसी भी तरह की कोर्ट की इजाजत लेने की कोई जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन जरूरी बात यह है कि इस टेस्ट के जरिए और इस टेस्ट के बाद आरोपी का कोर्ट की अनुमति से ब्रेन मैपिंग, लाइव डिटेक्टर, नार्को टेस्ट करवाया जा सकता है.
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टेस्ट के जरिये सच आ सकता है सामने
इस टेस्ट में सीबीआइ लेयर्ड वॉयस एनालिसिस यानी झूठ पकड़ने के एक डिवाइस में संजय राय की आवाज को डाल सकती है और उस वॉयस के जरिये यह पता चल सकता है कि आरोपी से जो सवाल पूछे गये हैं, क्या वो उनके जवाब देते वक्त सच बोल रहा है या नहीं. अब ऐसे में ये देखना होगा कि सीबीआइ आरोपी से क्या-क्या सवाल करती है, क्योंकि पूरे देश को अब बस उस पल का इंतजार है, जब आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिले.