पहले भी दो स्कूलों को किया गया है अंग्रेजी माध्यम
संवाददाता, हावड़ा
अंग्रेजी स्कूलों में बच्चों का दाखिला कराने को लेकर अभिभावकों के बीच होड़ मची हुई है. यही कारण है कि सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक स्कूलों में दिन-प्रतिदिन बच्चों की संख्या कम होते जा रही है.
इसी का ध्यान रखते हुए जिला शिक्षा विभाग ने जिले के पांच प्राथमिक स्कूलों को अब अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू करने का फैसला लिया है. इस बाबत राज्य शिक्षा विभाग को एक प्रस्ताव भेजा गया है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला लेना बाकी है. मालूम रहे कि इसके पहले शहर में दो प्राथमिक स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम स्कूल में तब्दील किया जा चुका है, जिसमें सलकिया सावित्री गर्ल्स स्कूल और बेलूड़ खामारपाड़ा स्कूल शामिल हैं. वर्ष 2019 में सलकिया सावित्री गर्ल्स स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू हुई.
इस स्कूल के प्रभारी शिक्षक अनिर्बान दास ने कहा कि अंग्रेजी माध्यम होने से निश्चित तौर पर विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी माध्यम होने के बाद ही वर्ष 2020 में कोरोना ने दस्तक दे दी थी.
करीब दो साल बाद पठन-पाठन शुरू तो हुआ, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या काफी कम थी. विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए काफी प्रयास किये गये. आसपास के इलाकों में पर्चे बांटे गये. माइकिंग की गयी. अभी विद्यार्थियों की संख्या 180 है, जो कि बेहद संतोषजनक है. अंग्रेजी माध्यम होने से अभिभावकों में भी काफी खुशी है. अभिभावक भी चाहते हैं कि उनके बच्चे अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ें.
जिला प्राथमिक विभाग के चेयरमैन कृष्णा घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम किया गया है. दक्ष शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है. फिलहाल दो स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम किया गया है. जिले में ऐसे पांच और स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है.
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