एचसीजी कैंसर सेंटर में अब रोबोट से भी होगी सर्जरी, खर्च में आयेगी कमी
रोबोटिक सर्जरी सामान्य सर्जरी की तुलना में काफी बेहतर है. इसमें मरीज का अधिक खून नहीं बहता है. कम से कम चिरा लगाया जाता है.
संवाददाता, कोलकाता
कैंसर मरीजों के लिए सर्जरी काफी कष्टदायक होती है. उन्हें काफी जटिल सर्जरी से गुजरना पड़ता है. मरीजों की इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए न्यू टाउन स्थित एचसीजी कैंसर सेंटर में अब कई कैंसर सर्जरी रोबोट करेगा. इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने ‘दा विंसी एक्स रोबोटिक सर्जरी सिस्टम’ नामक उच्च तकनीक युक्त रोबोट की व्यवस्था की है. यह जानकारी शनिवार को कोलकाता प्रेस क्लब में हेल्थ केयर ग्लोबल (एचसीजी) के रीजनल बिजनेस हेड प्रतीक जैन ने दी. उन्होंने बताया कि एचसीजी में विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसे हेड-नेक ऑन्कोलॉजी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआइ) ऑन्कोलॉजी , यूरो ऑन्कोलॉजी, थोरेसिक सर्जरी, जीआइ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी समेत अन्य सर्जरी की जा सकती है. इसके लिए हॉस्पिटल में अनुभवी डॉक्टरों की टीम है. मौके पर एचसीजी रोबोटिक अंको कॉन्क्लेव में अस्पताल के हेड नेक आंकोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ राजीव शरण, जीआइ ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञ डॉ एसके बाला, स्त्री रोग और प्रसूति सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के डॉ सुब्रत देवनाथ, थोरेसिक सर्जन डॉ प्रिय इशपुनियानी, जीआइ सर्जिकल ऑकोलॉजी विशेषज्ञ डॉ करण सहगल आदि मौजूद थे.रोबोटिक सर्जरी की क्या है खासियत
रोबोटिक सर्जरी सामान्य सर्जरी की तुलना में काफी बेहतर है. इसमें मरीज का अधिक खून नहीं बहता है. कम से कम चिरा लगाया जाता है. आम ओपन सर्जरी में कई बार चार से पांच घंटे का भी समय लग जाता है. पर रोबोट के द्वारा की जाने वाली सर्जरी में 50 फीसदी कम समय लगता है. ओपन या आम सर्जरी के बाद मरीज को सात से 10 दिनों या इससे भी अधिक समय तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है. पर रोबोट ‘दा विंसी’ द्वारा सर्जरी के बाद मरीज को तीन से चार दिन में छुट्टी दे दी जाती है. इससे इलाज खर्च में कमी आती है. रोबोटिक सर्जरी के बाद संक्रमण का खतरा भी न के बराबर रहता है. इसलिए अब रोबोटिक सर्जरी समय की मांग बन गयी है. हालांकि, मरीज की शारीरिक स्थिति को देख कर चिकित्सक तय करते हैं कि उसकी रोबोटिक सर्जरी की जायेगी या नहीं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है