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अब बंगाल में होगा परिवर्तन, 2026 में भाजपा की बनेगी सरकार : प्रधान

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को प्रचंड जीत मिली है और इससे पार्टी के नेताओं के हौसले बुलंद हैं

संवाददाता, कोलकाता

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को प्रचंड जीत मिली है और इससे पार्टी के नेताओं के हौसले बुलंद हैं, क्योंकि भाजपा वहां करीब 27 साल बाद सत्ता में आयी है. इस बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गैर-भाजपा शासित राज्यों को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है. रविवार को महानगर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री व पार्टी के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि बंगाल में भी चुनाव बाद भाजपा की सरकार बनेगी. केंद्रीय मंत्री ने रविवार को यह दावा किया कि भाजपा 2026 में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर सरकार बनायेगी. श्री प्रधान ने कहा कि भाजपा का वोट शेयर 2019 से पश्चिम बंगाल में 30-40 प्रतिशत के बीच रहा है और यदि पार्टी को 10 प्रतिशत और वोट मिलते हैं, तो वह ममता बनर्जी सरकार को सत्ता से बेदखल कर देंगे. उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) की दिल्ली विधानसभा चुनावों में हार को भाजपा के प्रति जनता के बढ़ते विश्वास और अरविंद केजरीवाल सरकार की भ्रष्ट नीति के खिलाफ जनादेश करार दिया.

केंद्रीय मंत्री ने कहा : हमने 2021 के विधानसभा चुनावों में 77 सीटें और 2024 के लोकसभा चुनावों में 12 सीटें जीतीं. 2019 से भाजपा का वोट प्रतिशत 30-40 के बीच रहा है और हमें सत्ता में आने के लिए 10 प्रतिशत और वोटों की जरूरत है. 2026 में हम पश्चिम बंगाल में सरकार बनायेंगे.

केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर बंगाल सरकार की आलोचना

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार पर केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन में बाधा डालने का आरोप लगाया और कहा कि वह केंद्र पर अनदेखी करने का झूठा आरोप लगा रही है. उन्होंने ममता बनर्जी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री थे, तब उन्होंने ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली 710 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन परियोजना स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था. लेकिन पश्चिम बंगाल की ओर से सहयोग न मिलने के कारण परियोजना अधूरी रह गयी. श्री प्रधान ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार ने पश्चिम बंगाल में पाइपलाइन विस्तारित करने के लिए भूमि नहीं दी और रेलवे परियोजनाओं व नवोदय विद्यालयों की स्थापना में भी सहयोग नहीं किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र द्वारा प्रायोजित किसी भी योजना को लागू करने से इसलिए रोकती है, क्योंकि उसे लगता है कि इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय मिलेगा.

उन्होंने कहा कि रेलवे ने पश्चिम बंगाल के लिए वार्षिक बजट को यूपीए सरकार के समय के 4,000 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 13,995 करोड़ रुपये कर दिया है. लेकिन राज्य सरकार इसे कार्यान्वित करने में असफल रही है. शिक्षा क्षेत्र को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ड्राफ्ट गाइडलाइन की अनुचित आलोचना कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार कई परियोजनाओं को रोक कर बैठ गयी है, जिससे लोग प्रभावित हो रहे हैं.

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