अब ई-कचरा के बदले मिलेंगे पैसे
कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने पश्चिम बंगाल इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग विकास निगम लिमिटेड (वेबेल) के साथ मिल कर एक नयी पहल की है.
निगम के साथ मिल कर ई-कचरा खरीदेगी वेबेल, बोरो स्तर पर लगेंगे कैंपसंवाददाता, कोलकाताकोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने पश्चिम बंगाल इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग विकास निगम लिमिटेड (वेबेल) के साथ मिल कर एक नयी पहल की है. इसके अनुसार, वेबेल निगम के साथ मिल कर बेकार पड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को खरीदेगी. इसके लिए कोलकाता में बोरो स्तर पर कैंप लगाये जायेंगे. मेयर फिरहाद हकीम ने शनिवार को निगम में आयोजित संवददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने पहले विक्रेता के रूप में वेबेल को बेकार पड़े कंप्यूटर-मॉनिटर, की-बोर्ड बेचे. इसके लिए निगम के खाते में वेबल ने 495 रुपये का भुगतान किया. इस मौके पर उपस्थित वेबेल के प्रबंध निदेशक संजय कुमार दास ने कहा : हम लोगों से ई-वेस्ट मुफ्त में नहीं खरीदेंगे. खराब हो चुके इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे मोबाइल फोन, कंप्यूटर, सह अन्य ऐसे उपकरणों को बेचने के बदले विक्रेता को पैसे दिये जायेंगे. वहीं, कीमत वेबेल तय करेगी. बेचे जाने वाले उपकरणों की कीमत तय करने के लिए एक सूची भी जारी की गयी है. सोनारपुर के आइटी पार्क में बन रहा प्लांट: इन सभी बेकार इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को प्रोसेस करने के लिए सोनारपुर आइटी पार्क में एक प्लांट बनाया जा रहा है. इस प्लांट में बेकार पड़ीं मशीनों की रिसाइकिल की जायेगी. उन्होंने बताया कि प्लांट में हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा. इस संवाददाता सम्मेलन में वेबेल द्वारा बताया गया कि बंगाल में हर साल डेढ़ लाख मीट्रिक टन ई-कचरा उत्पन्न होता है.
राज्य में हर साल उत्पन्न हो रहा डेढ़ लाख मीट्रिक टन ई-कचरा
वहीं, पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव डॉ राजेश कुमार ने कहा कि बंगाल में हर साल डेढ़ लाख मीट्रिक टन इलेक्ट्रॉनिक कचरा पैदा हो रहा है. उसमें से मात्र 50 हजार मीट्रिक टन का ही प्रसंस्करण हो पाता है. मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि पार्षद वार्ड स्तर पर इ-वेस्ट को लकेर लोगों को जागरूक करेंगे. बिक्री का भुगतान ऑनलाइन किया जायेगा. जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं, उनके बैंक खाते में पैसे डाल दिये जायेंगे.
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