संवाददाता, हावड़ा
आवास योजना के लिए जरूरतमंद ग्रामीणों की सूची तैयार करने में प्रशासनिक अधिकारियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारियों का कहना है कि वे काम पूरा करने के कगार पर हैं कि इसी बीच राज्य सरकार ने अचानक नियमों में बदलाव कर दिया. अब उनलोगों को फिर से सर्वे करना पड़ेगा. हालांकि, डीएम डॉ दीपाप प्रिया ने इस संबंध में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. सर्वे का काम पिछले 20 अक्टूबर से शुरू हुआ है.
बता दें कि वर्ष 2022 में आवास योजना के तहत प्रत्येक ब्लॉक में लाभुकों की एक सूची बनायी गयी थी. फंड की कमी होने से उस समय इन लोगों को पक्का मकान बनाने के लिए रुपये नहीं मिले थे. इस वर्ष फिर से सरकारी आदेश के बाद सर्वे का काम शुरू हुआ. बताया गया कि जिन लोगों के नाम वर्ष 2022 की सूची में थे, उनमें से अधिकतर लोगों ने पक्का मकान बना लिया. यह देखकर प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके नाम सूची से हटा दिये. सर्वे का काम खत्म होने वाला ही था कि सरकार ने नया आदेश जारी कर दिया. इसमें कहा गया है कि अगर घर पक्का, लेकिन छत टीन और टॉली की है, तो ऐसे लोगों को सूची में शामिल किया जाये. यह काम शुरू ही हुआ था कि फिर से पिछले दिनों एक और नया आदेश आ गया.
इस आदेश में कहा गया कि अगर छत भी पक्की हो, लेकिन व्यक्ति ने कर्ज लेकर मकान बनाया हो, तो उसे भी इस योजना का लाभ मिले. इस नये दिशा-निर्देश के बाद फिर से प्रशासनिक अधिकारी मैदान में उतर गये हैं. अधिकारियों का कहना है बार-बार नियम बदलने से उनलोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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