दो जून को इंदौर से बंगाल के श्रमिकों को लेकर हावड़ा आयेगी दो ट्रेन
भाजपा शासित मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने बंगाल सरकार पर दबाव बनाते हुए इंदौर में फंसे बंगाल के श्रमिकों को वापस भेजने के लिए दो ट्रेन इंदौर से हावड़ा भेजने का निर्णय किया है. श्रमिकों का किराया भी मध्य प्रदेश सरकार ही वहन करेगी.
कोलकाता : लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों की वापसी को लेकर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है. भाजपा शासित मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने बंगाल सरकार पर दबाव बनाते हुए इंदौर में फंसे बंगाल के श्रमिकों को वापस भेजने के लिए दो ट्रेन इंदौर से हावड़ा भेजने का निर्णय किया है. श्रमिकों का किराया भी मध्य प्रदेश सरकार ही वहन करेगी.
उल्लेखनीय है कि श्री चौहान ने प्रवासी श्रमिको की वापसी को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र भी लिखा था और उनकी वापसी की व्यवस्था करने की अपील की थी. वहीं, इंदौर भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय का गृह शहर है. श्री विजयवर्गीय बताते हैं कि इंदौर में बड़ी संख्या में बंगाल के श्रमिक काम करते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण वे अपना घर नहीं जा पा रहे हैं और ममता जी की सरकार की ओर से श्रमिकों की वापसी के लिए कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं.
ऐसी स्थिति में इन श्रमिकों की वापसी के लिए उनलोगों ने प्रयास किया और रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात कर इंदौर में फंसे श्रमिकों की वापसी के लिए दो ट्रेन की व्यवस्था की गयी है. यह ट्रेन दो जून को इंदौर से हावड़ा जायेगी और इसमें करीब 1500 श्रमिक अपने गृह प्रदेश वापस जा पायेंगे. उन्होंने कहा कि इसके पहले इंदौर में फंसे बंगाल के श्रमिकों को बसों के माध्यम से घर वापस भेजा गया था. करीब 20 बसें भेजी गयी थी. इनमें प्रत्येक बस में करीब 30 श्रमिक वापस गये थे, जो ज्यादातर मुर्शिदाबाद और मालदह जिले के थे.
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उल्लेखनीय है कि भाजपा प्रवासी श्रमिकों की वापसी को लेकर ममता सरकार पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाते रही है. इसे को लेकर रेल मंत्री श्री गोयल से लेकर श्री विजयवर्गीय कई बार ममता सरकार को आड़े हाथ ले चुके हैं.