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न्याय के इंतजार में बीत गया एक माह

अस्पताल की इमरजेंसी बिल्डिंग के चौथे तल पर स्थित सेमिनार हॉल से गत नौ अगस्त की सुबह एक जूनियर महिला डॉक्टर का शव मिला था

कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की इमरजेंसी बिल्डिंग के चौथे तल पर स्थित सेमिनार हॉल से गत नौ अगस्त की सुबह एक जूनियर महिला डॉक्टर का शव मिला था. घटना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी हैं. इस घटना का एक महीना पूरा भी हो गया. इस एक महीने के अंतराल में मामले को लेकर कई चीजें सामने आयीं. इसी दौरान अस्पताल में वित्तीय अनियमितता का खुलासा भी हुआ, जिसमें गिरफ्तारियां भी हुईं. हालांकि, जूनियर महिला चिकित्सक की हत्या के मामले में गिरफ्तारी की संख्या नही बढ़ी. घटना की पहले जांच कर रही कोलकाता पुलिस ने मामले में एक सिविक वॉलंटियर संजय राय को गिरफ्तार किया था, जो न्यायिक हिरासत की अवधि संशोधनागार में काट रहा है. मामले की सीबीआइ जांच का सिलसिला जारी है, लेकिन अभी तक केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. नौ सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई है. सभी की निगाहें उस पर टिकी है कि केंद्रीय जांच एजेंसी कोर्ट में क्या रिपोर्ट पेश करेगी. एक महीने में मामले से जुड़े प्रमुख घटनाक्रम : नौ अगस्त की सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की इमरजेंसी बिल्डिंग के चौथे तल पर स्थित सेमिनार हॉल से एक जूनियर महिला चिकित्सक का शव मिला था. मामले की पहले जांच कर रही कोलकाता पुलिस की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) ने इस घटना के सिलसिले में अगले ही दिन ही यानी 10 अगस्त को पुलिस के ही एक सिविक वॉलंटियर संजय राय को गिरफ्तार किया था. 11 अगस्त को चिकित्सकों ने हड़ताल का एलान किया. इधर, विपक्षी दलों ने भी घटना को लेकर विरोध शुरू कर दिया. 12 अगस्त को जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के दबाव में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष ने अपने पद से अपना इस्तीफा राज्य स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया था. हालांकि, कुछ घंटों बाद ही उन्हें कोलकाता नेशनल मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल बनाया गया, लेकिन वहां भी उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. इसके बाद कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश पर घोष अनिश्चितकाल के लिए छुट्टी पर चले गये. इधर, मृतका के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में दुष्कर्म के बाद हत्या की बात की पुष्टि हुई. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी और इसके अगले दिन यानी 14 अगस्त को केंद्रीय एजेंसी ने जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथों में ले ली. साथ ही मामले में गिरफ्तार संजय राय को हिरासत में लिया गया. इसी दिन कोलकाता पुलिस की एसआइटी ने केस डायरी व अन्य दस्तावेज सीबीआइ को सौंपे. इसी दिन दिल्ली से सीबीआइ व सीएफएसएल की टीम कोलकाता पहुंची. 14 अगस्त की रात को ही आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना हुई, जिसके बाद यहां कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे. 15 अगस्त को तोड़फोड़ की घटना को लेकर कोलकाता पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया. एफओआरडीए ने हड़ताल जारी रखने की घोषणा की. 16 अगस्त से पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष से सीबीआइ के पूछताछ की सिलसिला जारी रहा. 16 अगस्त को तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद शांतनु सेन को पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया. उन्होंने आरजी कर अस्पताल में हुई घटना को लेकर टिप्पणी की थी. आरजी कर अस्पताल में सीबीआइ की टीम की तफ्तीश जारी रही. 17 अगस्त को देशभर में चिकित्सकों की हड़ताल. दिल्ली से सीबीआइ और सीएफएसएल की एक और टीम कोलकाता पहुंची. पिछले ही महीने जांच के तहत सीबीआइ अबतक आरोपी संजय राय समेत 10 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया. अन्य लोगों में आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष, चार जूनियर चिकित्सक, एक सिविक वॉलंटियर, पुलिस का एक अधिकारी व अस्पताल के दो सुरक्षाकर्मी शामिल हैं. सामने आया आरजी कर में अनियमितता का मामला भी महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या की घटना की जांच के बीच ही आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ. कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ ने ही मामले की जांच का जिम्मा संभाला और मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष समेत चार लोगों की गिरफ्तारी हुई. इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने भी शुरू किया. घोष के खिलाफ अस्पताल के शवगृह से शव की चोरी करने, अस्पताल से बॉयोमेडिकल वेस्ट अवैध तरीके से बाहर बेचने, छात्रों से परीक्षा कराने के नाम पर पैसे वसूले जाने, अस्पताल में मेडिकल सामान की आपूर्ति में टेंडर दिलाने में अनियमितता बरतने व कमीशन लेने का भी आरोप है. आरजी कर अस्पताल की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया. देश की सर्वोच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हुई. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में मामले की सुनवाई नौ सितंबर को होगी, यानी ठीक एक महीने पहले यानी नौ अगस्त को पीड़िता का शव अस्पताल से मिला था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा की कमान सीआइएसएफ के जवान संभाल रहे हैं. जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या की घटना का विरोध देशभर में हो रहा है और इस घटना के विरोध में एक महीने से जारी आंदोलन के बीच जवाहर सरकार सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पहले ऐसे सांसद हैं, जिन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने व राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की.

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