आइपीएस के खिलाफ राज्य सरकार ही कर सकती है कार्रवाई, हाइकोर्ट में केंद्र ने बताया
आरजी कर अस्पताल में हुई घटना को लेकर मृतका का नाम सार्वजनिक करने के लिए पूर्व पुलिस आयुक्त व आइपीएस विनीत गोयल के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जनहित याचिका दायर की गयी थी.
आरजी कर की मृत चिकित्सक का नाम सार्वजनिक करने का मामला
कोलकाता. आरजी कर अस्पताल में हुई घटना को लेकर मृतका का नाम सार्वजनिक करने के लिए पूर्व पुलिस आयुक्त व आइपीएस विनीत गोयल के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जनहित याचिका दायर की गयी थी. पिछली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने यह जानना चाहा था कि किसी आइपीएस के खिलाफ कोई आरोप सामने आता है, तो उसके खिलाफ कौन कार्रवाई करेगा? केंद्र या राज्य सरकार? गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से बताया कि जो आइपीएस जिस राज्य में कार्यरत है, उसके खिलाफ राज्य सरकार ही कार्रवाई कर सकती है. मृतका का नाम सार्वजनिक करने के मामले में राज्य सरकार ही कार्रवाई कर सकती है. इस मामले से केंद्र को शामिल नहीं करने का अनुरोध किया गया. पूर्व पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के वकील ने कहा कि जो आरोप लगा है, उसका हार्ड डिस्क नहीं मिला है. खंडपीठ ने शिकायतकर्ता को यह उपलब्ध कराने को कहा है. सभी पक्षों को फिर से हलफनामा देने का निर्देश दिया गया है. मामले की अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है