आरजी कर कांड को लेकर विपक्ष के पार्षदों ने निगम में किया हंगामा

सीएम व सांसद-विधायक क्यों नहीं जा रहे आरजी कर : संतोष पाठक

By Prabhat Khabar News Desk | August 31, 2024 1:55 AM

कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर से रेप व हत्या की घटना को लेकर राज्य भर में विरोध प्रदर्शन जारी है. इस घटना की आंच अब कोलकाता नगर निगम तक भी पहुंच गयी. शुक्रवार को निगम के मासिक अधिवेशन में भी विपक्षी पार्षदों ने आरजी कर की घटना को लेकर हंगामा किया. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले वाममोर्चा व कांग्रेस के पार्षदों ने अधिवेशन कक्ष के बाहर ”वी वांट जस्टिस” व ”जस्टिस फॉर आरजी कर” के नारे लगाये. वाममोर्चा की पार्षद मधुछंदा देब, नंदिता राय और कांग्रेस पार्षद संतोष पाठक ने जस्टिस के नारे लगाये. तीनों पार्षदों ने चेयरपर्सन माला राय और मेयर फिरहाद हकीम के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया. वामो व कांग्रेस के पार्षद पोस्टर लगा कर सदन कक्ष में पहुंचे थे. वहीं, भाजपा के पार्षदों ने निगम के मासिक अधिवेशन की बैठक से वॉकआउट किया. इससे पहले, पश्चिम बंगाल सहित देश-दुनिया में पिछले एक महीने में मारे लगे लोगों के परिवार के प्रति सहानुभूति रखते हुए दिवंगत आत्माओं के लिए शोक प्रस्ताव पारित किया गया. इस दौरान राज्य के पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य को भी श्रद्धांजलि दी गयी. पर इस सूची में आरजी कर की पीड़िता का नाम शामिल नहीं था. भाजपा पार्षद सजल घोष और विजय ओझा की मांग पर सदन में रेप पीड़िता को श्रद्धांजलि दी गयी. अरूप चक्रवर्ती ने सहमति जताते हुए पीड़िता के लिए एक मिनट का मौन रखा. इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई. पर जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, वैसे ही सजल घोष और विजय ओझा आरजी कर की घटना को लेकर विरोध जताने लगे. सजल घोष ने घटना पर इस दिन निगम के मासिक अधिवेशन की बैठक रद्द करने की मांग की. पर निगम में तृणमूल बोर्ड के नेता इस मांग से सहमत नहीं थे. निगम के कार्यवाहक चेयरमैन अरूप चक्रवर्ती ने कहा : आरजी कर की घटना बेहद निंदनीय है. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआइ घटना की जांच कर रही है. मैं आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग करता हूं. पर किसी घटना को लेकर निगम के कामकाज को बाधित नहीं किया जा सकता. निगम आम लोगों को जरूरी परिसेवा उपलब्ध कराता है. अधिवेशन की बैठक में भी इन विषयों पर चर्चा का जाती है. इन बातों को सुनने के बाद भाजपा के दोनों पार्षद सदन की फ्लोर पर उतर कर विरोध किये और इसके बाद मासिक अधिवेशन की बैठक से वॉकआउट कर गये. हालांकि, वाम-कांग्रेस के पार्षदों ने वॉकआउट नहीं किया. बता दें कि निगम में कांग्रेस का एक, वाममोर्चा के दो व भाजपा के तीन और एक निर्दलीय पार्षद है.

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