पंचायत सदस्य को योजना में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं
इसलिए राज्य सरकार बांग्लार बाड़ी परियोजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.
कोलकाता. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के क्रियान्वयन को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों से व्यापक भ्रष्टाचार के आरोप सामने आये थे. इसके बाद केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार को फंड का आवंटन बंद कर दिया था. इसलिए राज्य सरकार बांग्लार बाड़ी परियोजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. बांग्लार बाड़ी परियोजना के क्रियान्वयन से पंचायत अधिकारियों को पूरी तरह से बाहर रखा गया है. पंचायत के मुखिया से लेकर उपमुखिया, पंचायत सदस्य या पंचायत कार्यालय का कोई भी अधिकारी किसी भी तरह से इस परियोजना के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. पंचायत अधिकारियों की बजाय बांग्लार बाड़ी परियोजना की पूरी जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्रों के बीडीओ को सौंप दी गयी है. क्षेत्रों के बीडीओ को पूरी प्रक्रिया पर निरंतर निगरानी रखने का निर्देश दिया है. काम पूरा करने के लिए समय सीमा भी तय कर दी गयी है. बांग्लार बाड़ी परियोजना में किसी भी पंचायत अधिकारी को हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. इस परियोजना का लाभ किसे मिलेगा, कैसे मिलेगा और कितने दिनों में घर बनेंगे, इन सभी व्यवस्थाओं की निगरानी बीडीओ करेंगे.
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