महिलाएं एकजुट हो नबान्न व कालीघाट का करें घेराव
भाजपा की ओर से सोमवार को नैहाटी में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इसमें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी भी शामिल हुए थे. सम्मेलन खत्म होने के बाद मीडिया से बात करते हुए भाजपा विधायक ने कहा कि बंगाल में महिलाओं पर हिंसा व अत्याचार काफी बढ़ गया है. ऐसे में महिलाओं से उनकी अपील है कि वे एकजुट होकर नबान्न और कालीघाट स्थित सीएम आवास का घेराव करें. इस अभियान में वह भी शामिल होंगे.
पानीहाटी.
भाजपा की ओर से सोमवार को नैहाटी में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इसमें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी भी शामिल हुए थे. सम्मेलन खत्म होने के बाद मीडिया से बात करते हुए भाजपा विधायक ने कहा कि बंगाल में महिलाओं पर हिंसा व अत्याचार काफी बढ़ गया है. ऐसे में महिलाओं से उनकी अपील है कि वे एकजुट होकर नबान्न और कालीघाट स्थित सीएम आवास का घेराव करें. इस अभियान में वह भी शामिल होंगे.यहां से शुभेंदु आरजी कर की मृत जूनियर महिला डॉक्टर के पानीहाटी स्थित आवास पर पहुंचे और उसके माता-पिता से मुलाकात की.मौके पर अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि वह पीड़ित परिवार के साथ हैं. उन्होंने मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने वालों को कड़ी सजा दिलाने की लड़ाई में साथ देने का भी आश्वासन दिया. उनके साथ वकील कौस्तब बागची, भाजपा नेता कौशिक चटर्जी सहित अन्य भी थे. पीड़ित परिवार ने नेता प्रतिपक्ष से बेटी को न्याय दिलाने की गुहार लगायी. इस पर शुभेंदु ने आश्वासन दिया कि वह उनके साथ हैं.
”मोदी पीएम नहीं होते तो संदीप घोष को कोई छू भी नहीं सकता था”
बड़ाबाजार में छठ पूजा के अवसर पर सोमवार को साड़ी वितरण कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यदि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं होते, तो आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को कोई छू भी नहीं सकता था. उन्होंने कहा कि वह पहले व्यक्ति थे, जो आरजी कर कांड की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर अदालत गये थे. यदि सीबीआइ जांच का निर्देश नहीं मिलता व मोदी प्रधानमंत्री नहीं होते तो संदीप घोष, अभिजीत मंडल को कोई छू भी नहीं सकता था. साथ ही आरजी कर मामले को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने की भी मांग उठायी. उन्होंने कहा कि जो लोग अभया के लिए न्याय की लड़ाई कर रहे हैं, उन्हें मेरा परामर्श है कि मामले को बंगाल से बाहर ले जायें, तभी सच्चाई सामने आयेगी. अभया के परिवार को भी शांति मिलेगी. अभया की आत्मा को भी शांति मिलेगी. उन्होंने कहा कि मेरा अनुरोध है कि सुप्रीम कोर्ट भी इस पर विचार करे.ं
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