कोहरे के कारण विमान सेवाएं प्रभावित, 10 उड़ानों में हुई देरी

घने कोहरे के कारण कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर कम दृश्यता होने के कारण बुधवार को विमान सेवाएं प्रभावित हुईं. कोलकाता एयरपोर्ट स्थित भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) के प्रवक्ता राजेश कुमार ने बताया कि तड़के 3.40 बजे से सुबह 7.40 बजे तक घने कोहरे के कारण एयरपोर्ट पर कम दृश्यता प्रक्रिया (एलवीपी) लागू की गयी थी. जब दृश्यता 800 मीटर से कम हो जाती है, तो विमान यातायात नियंत्रण (एटीसी) एलवीपी की घोषणा करता है, जिसके बाद ‘फॉलो-मी वाहन’ विमानों को उनके ‘स्टैंड’ तक ले जाते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | February 12, 2025 11:15 PM

कोलकाता.

घने कोहरे के कारण कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर कम दृश्यता होने के कारण बुधवार को विमान सेवाएं प्रभावित हुईं. कोलकाता एयरपोर्ट स्थित भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआइ) के प्रवक्ता राजेश कुमार ने बताया कि तड़के 3.40 बजे से सुबह 7.40 बजे तक घने कोहरे के कारण एयरपोर्ट पर कम दृश्यता प्रक्रिया (एलवीपी) लागू की गयी थी. जब दृश्यता 800 मीटर से कम हो जाती है, तो विमान यातायात नियंत्रण (एटीसी) एलवीपी की घोषणा करता है, जिसके बाद ‘फॉलो-मी वाहन’ विमानों को उनके ‘स्टैंड’ तक ले जाते हैं. इस दौरान विमान के परिचालन में विलंब होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. कोलकाता एयरपोर्ट के अधिकारी ने बताया कि उड़ानों का सुरक्षित प्रबंधन किये जाने और व्यवधान को कम करने के मकसद से इन प्रक्रियाओं में हवाई अड्डा संचालक, एटीसी और पायलट के बीच समन्वय होता है. इससे यह सुनिश्चित होता है कि उन्नत नेविगेशन प्रणाली और ग्राउंड लाइटिंग का उपयोग करके विमान सुरक्षित रूप से उतर सकें और उड़ान भर सकें.

बुधवार को उड़ानों के परिचालन में अधिक देरी हुई क्योंकि दृश्यता की स्थिति में परिवर्तन आने पर एलवीपी के दौरान इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) की मदद से 12 आगमन वाली उड़ाने और 26 प्रस्थान करने वाले विमानों का परिचालन किया गया. जबकि कोलकाता से दूसरे गंतव्यों के लिए जानेवाली 10 उड़ानों के प्रस्थान में विलंब हुआ. जबकि कोई भी विमान डायवर्ट नहीं किया गया और ना ही कोई विमान रद्द किया गया. उल्लेखनीय है कि घने कोहरे के बीच सुबह के समय में खराब दृश्यता के कारण कोलकाता एयरपोर्ट पर गत 23 जनवरी को कुल 72 उड़ानें, 24 जनवरी को 34 उड़ानें और 25 जनवरी को 53 उड़ानें प्रभावित हुईं थीं. इसके बाद फरवरी माह के आरंभ में भी इसका असर देखा गया.

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