सियालदह ईएसआइ अस्पताल : घंटों आतंक के साये में पड़े रहे मरीज
यदि इन उपकरणों को समय पर बदल दिया जाता, तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती.
कोलकाता. सियालदह स्टेशन के निकट इएसआइ अस्पताल में शुक्रवार तड़के आग लगने के बाद वहां भर्ती कुल 80 मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. इन्हें खुले आसमान के नीचे रखा गया था. अपनी आंखों के सामने मरीज वार्ड से काला धुआं निकलते देख आतंकित हो रहे थे. घटना के बाद कैंसर पीड़ित एक मरीज की मौत होने की खबर है. इधर, दोपहर को हालात का जायजा लेने अस्पताल पहुंचे कोलकाता पुलिस के सीपी मनोज वर्मा को अस्पताल के अधीक्षक अदिति दास ने एमएसवीपी पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि अस्पताल में लगे अग्निशामक यंत्र की वैधता एक वर्ष पहले समाप्त हो गयी थी. यदि इन उपकरणों को समय पर बदल दिया जाता, तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन की तरफ से एमएसवीपी के खिलाफ नारकेलडांगा थाने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करायी गयी. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. इधर, पुलिस सूत्रों के अनुसार, अग्निकांड की घटना के बाद जिस मरीज की मौत हो गयी, उसके परिजनों ने नारकेलडांगा थाने में अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज कराया है. दोनों पक्ष की तरफ से शिकायत पत्र मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. शनिवार को फोरेंसिक विभाग की टीम अस्पताल का दौरा करेगी. अस्पताल अधीक्षक की तरफ से पुलिस को भेजी गयी शिकायत की कॉपी में बताया गया कि उस अस्पताल के विभिन्न वार्ड में फायर फाइटिंग सिस्टम को लगाने की जिम्मेदारी जिस एजेंसी को दी गयी थी, उसने जनवरी 2023 से शुरू किये गये अपने छह महीने के अवधि में उस कार्य को पूरा नहीं किया. इस लापरवाही के कारण ही शुक्रवार को अग्निकांड की घटना होने पर अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम की कमी होने के कारण यह घटना हुई. इससे उस एजेंसी की लापरवाही साफ झलकती है. पुलिस को इसकी शिकायत करने के बाद करवाई करने का आग्रह किया गया है.
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