मामला आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में वित्तीय अनियमितता की जांच का कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में वित्तीय अनियमितता के मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के ही समानांतर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के अधिकारी भी कर रहे हैं. उक्त मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत चार लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. चारों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. सूत्रों की मानें, तो सीबीआइ के अधिकारियों को घोष के दो मोबाइल फोन और दो लैपटॉप से महत्वपूर्ण सुराग मिलने की बात है, जो उनके ””””प्रभावशाली साठगांठ”””” के बारे में बताते हैं. मोबाइल फोन और लैपटॉप के अलावा, आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में घोष के कार्यालय के डेस्कटॉप और वहां से जब्त किये गये दस्तावेज से भी कुछ इसी तरह के सुराग मिले हैं. अब तक की जांच में आरजी कर वित्तीय मामले में घोष के साथ तीन स्तरीय लोगों के सांठगांठ का पता चला है. पहले स्तर में घोष के राजनीतिक रूप से प्रभावशाली संरक्षक शामिल हैं, जबकि घोष और उनके बहुत करीबी सहयोगी इस मामले में दूसरे स्तर पर थे. तीसरे और अंतिम स्तर में आरजी कर के वे ठेकेदार और मेडिकल सामान के सप्लायर शामिल थे, जो घोष के बेहद करीबी और विश्वासपात्र थे. यानी, केंद्रीय जांच एजेंसी के दायरे में घोष से जुड़े प्रभावशाली लोग भी हैं. यह भी पता चला है कि इडी की लगातार जांच में वित्तीय अनियमितता के मामले में कुछ धन-राशि के सोर्स की पहचान हुई है, जो कि मामले में तीन स्तरीय गठजोड़ की पुष्टि करते हैं. वित्तीय अनियमितता मामले की सीबीआइ की जांच अदालत की ओर से निर्देशित और निगरानी में है. जबकि इडी ने प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (इसीआइआर) दाखिल करने के बाद मामले में खुद संज्ञान लिया था.
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