कोलकाता. महानगर की सड़कों से ट्राम को हटाने के फैसले का चौतरफा विरोध हो रहा है. इस फैसले के खिलाफ श्यामबाजार स्थित ट्राम डिपो के बाहर विभिन्न संगठनों के बैनर तले आम नागरिकों ने विरोध जताया. विरोध प्रदर्शन को कलकत्ता ट्राम यूजर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो देवाशीष भट्टाचार्य, सचिव महादेव शी, नागरिक प्रतिरोध मंच से तमाल नंद, परिवेश बांधव ट्राम बचाओ संगठन की ओर से समरेंद्र प्रतिहार, प्रो निर्मल दुआरी, प्रो गौरांग खाटुआ समेत अन्य वक्ताओं ने अपने विचार रखे व कोलकाता में ट्राम की सेवा देने के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाने पर जोर दिया. अपनी मांगों के समर्थन में विरोध करने वाले लोगों ने जुलूस भी निकाला. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि वे सड़कों पर उतर आम लोगों के साथ आंदोलन करेंगे. दूसरी ओर राज्य सरकार के जनविरोधी फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा भी खटखटायेंगे.
देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ट्राम को हटाने के पक्ष में जो तर्क पेश किया जा रहा है, वह गलत है. महानगर की सुस्त ट्रैफिक गति के लिए ट्राम को जिम्मेवार ठहराना सरासर गलत है. इसके लिए राज्य सरकार ही जिम्मेवार है. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत ट्राम को बंद करके डिपो की जमीन को अपने चहेतों को बेच देने की नीति बनायी गयी है, ताकि भविष्य में कोई सरकार यदि ट्राम सेवा शुरू भी करना चाहे, तो नहीं कर पायेगी. समरेंद्र प्रतिहार ने कहा कि कोलकाता की सड़के पहले से संकुचित हो गयी हैं. इन सड़कों को और संकुचित करने का काम सड़कों के किनारे अवैध रूप से गाडियों को पार्क करके लोग कर देते हैं. तमाल नंद ने कहा कि राज्य के लोगों ने सरकार को चुना है. इसका मतलब यह नहीं है कि इन लोगों को ट्राम को हटाने का अधिकार दे दिया है. उन्होंने कहा कि कोलकाता के आम लोग ट्राम को हटाये जाने की नीति का विरोध करते हैं. ऐसे में सरकार ट्राम हटाये जाने के फैसले को वापस नहीं लेती है, तो वह लोग जोरदार आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.
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