संवाददाता, कोलकाता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से 51 चिकित्सकों को निलंबित किये जाने की घटना पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को जानकारी दिये बिना ऐसा नहीं किया जा सकता. सरकार को अंधेरे में रख कर 51 चिकित्सकों को निलंबित किया गया. क्या यह थ्रेट कल्चर नहीं है? मुख्यमंत्री ने कहा कि अब से किसी भी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से राज्य सरकार की अनुमति के बिना चिकित्सकों को निलंबित नहीं किया जा सकता. कॉलेज काउंसिल अगर किसी चिकित्सक के खिलाफ कोई कार्रवाई करने का निर्णय लेती है, तो सबसे पहले राज्य सरकार को इसकी सूचना देनी होगी. राज्य सरकार द्वारा गठित टास्क फोर्स कॉलेज काउंसिल की सिफारिशों की जांच करेगा और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जायेगा. वहीं, मुख्यमंत्री ने उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टरों द्वारा प्रिंसिपल व सिलीगुड़ी के मेयर के घेराव की घटना पर भी नाराजगी व्यक्त की. सीएम ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों ने लगभग 24 घंटे तक प्रिंसिपल का घेराव किये रखा. जब मेयर वहां पहुंचे, तो उनके सामने की प्रदर्शन किया. उक्त मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. क्या यह थ्रेट कल्चर नहीं है?मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल व एमएसवीपी नहीं निभा रहे जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कई मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल व एमएसवीपी अपनी जिम्मेदारियों का सही तरह से पालन नहीं कर रहे हैं. कई तो विशेष राजनीतिक पार्टियों के कहने पर निर्णय ले रहे हैं. इसकी वजह से मेडिकल कॉलेजों के संचालन में समस्याएं आ रही हैं. आरजी कर में जिस प्रकार से 51 चिकित्सकों को निलंबित किया गया, वह मान्य नहीं है. हमारी सरकार चाहती है कि किसी भी मेडिकल कॉलेज में थ्रेट कल्चर का माहौल ना रहे. सभी सुरक्षित व खुशनुमा वातावरण में अपना काम करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है