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संदीप घोष के खिलाफ वित्तीय गड़बड़ी की जांच के लिए एसआइटी गठन को चुनौती

राज्य सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष के खिलाफ वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया है. अब राज्य सरकार के इस फैसले को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी है. कलकत्ता हाइकोर्ट के अधिवक्ता नीलाद्रि साहा ने याचिका दायर कर एसआइटी जांच पर रोक लगाने की मांग की है.

कोलकाता.

राज्य सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष के खिलाफ वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया है. अब राज्य सरकार के इस फैसले को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी है. कलकत्ता हाइकोर्ट के अधिवक्ता नीलाद्रि साहा ने याचिका दायर कर एसआइटी जांच पर रोक लगाने की मांग की है.

गौरतलब है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुई वित्तीय अनियमितताओं, पैसों के लेन-देन और भ्रष्टाचार की जांच के लिए राज्य सरकार ने चार आइपीएस अधिकारियों को लेकर एक विशेष जांच दल बनाया है. याचिकाकर्ता का आरोप है कि एसआइटी का गठन राज्य के ऐसे अधिकारियों द्वारा किया गया है, जो पहले भी विवादों में रह चुके हैं. हालांकि राज्य ने अधिसूचना जारी करके वित्तीय अनियमितता के तथ्य को स्वीकार किया है. याचिकाकर्ता ने आशंका जाहिर की है कि एसआइटी की जांच की आड़ में सबूतों को नष्ट किया जा सकता है, इसलिए जनहित याचिका में वित्तीय अनियमितता के मामले की जांच इडी या सीबीआइ से कराने की गुजारिश के साथ का आवेदन किया गया है. साथ ही यह भी अनुरोध किया गया है कि डॉ घोष के सभी बैंक खाते जब्त किये जायें और इनकी जांच की जाये. मामले की जल्द ही हाइकोर्ट में सुनवाई होने की संभावना है.

हाइकोर्ट का राज्य सरकार के अधिवक्ता से सवाल शिकायत मिलने के एक वर्ष बाद एसआइटी क्यों?

कोलकाता. महानगर के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से शवों को बेचे जाने की शिकायत कम से कम एक साल पहले दर्ज की गयी थी, जिसकी जांच राज्य सरकार ने कुछ दिन पहले शुरू की है. कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया है. आरजी कर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली द्वारा पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दायर किये गये मामले में राज्य सरकार से सवाल किया. करीब डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद एसआइटी का गठन क्यों किया गया? यह सवाल कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से किया. आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं. उनके खिलाफ मेडिकल वेस्ट की तस्करी से लेकर शवों की बिक्री करने ति के आरोप लगे हैं. राज्य सरकार ने हाल ही में एसआइटी का गठन कर मामले की जांच शुरू की है और यह उस समय किया गया है कि जब अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या के मामले में सीबीआइ चरणबद्ध तरीके से संदीप घोष से पूछताछ कर रही है. इस बीच, अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने हाइकोर्ट में नयी याचिका दायर की है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से पूछा कि एसआइटी का गठन 16 अगस्त को क्यों किया गया? 2023 की शिकायत के बाद क्यों नहीं? इस पर राज्य की ओर से वकील अमितेश बनर्जी ने कहा कि राज्य इससे इनकार नहीं कर रही है कि यह गंभीर आरोप है. इसलिए एसआइटी का गठन किया गया है. वहीं, अख्तर अली की ओर से वकील तरुण ज्योति तिवारी ने कहा कि शवगृह से शव की चोरी के आरोप लगे थे.

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